चारों तरफ की चहलकदमी , ठिठुरती सर्दी की रातें , रातभर चलती हवाओं की आहट , और ठंड से काँपते पक्षियों की आवाज , इतना सबकुछ होते हुए भी , अब तू ही बता दे यार , मेरे दिल में इतना सन्नाटा क्यूँ है ।। वो मूसलाधार बारिश , डरावनी […]

दारू लेके आया बन्दे , वोट लेके जायेगा । दो दिन की हाथाजोड़ी , फिर वही झमेला ।। वो नही रहे नेता , जो देश का विकास कराते थे । अब तो सारे नेता , अपने घरबार बनाते है ।। डर गयी है जनता सारी , और निर्भय हुए नेता […]

आओ सब मिल कर मनाये खुशियों की दीवाली मिट्टी के दिये जलाके फैलाए चहुँओर खुशहाली जगमग जगमग दिप जलेंगे पटाखे खूब चलाएंगे आपस में गले लगाकर प्यार का दीपक जलाएंगे खुशियों का त्यौहार दीवाली खुशी सबको बाटेंगे सबका मुँह मीठा करवा कर द्वेष से कन्नी काटेंगे सबके घर में खुशियां […]

  करवा चौथ का व्रत रखा है मेरी पत्नी ने , सुनो,चाँद तुम थोड़ा सा जल्दी आ जाना । दिनभर भूखी और प्यासी रहेगी जान मेरी , छलनी में दर्शन देकर फिर तुम चले जाना ।। लाल साड़ी पहनकर गौरी ,खुश करे भरतार , काजल व मेहंदी के संग , […]

कल मैं बैठा – बैठा सोच रहा था , क्या लिखू विजया दशमी है कल । क्या लिखू श्री राम पर और अब , क्या लिखू रावण द्वारा किए छल ।। हमसब मिलकर दशहरा मनाते है  , और रावण के पुतले को जलाते है । आजकल राम के रूप में […]

सुना है वो अपने संघर्षो को , अपनी शान बना लेता है । खुद भूखा रहके सबको खिलाने का हुनर , उसे किसान बना लेता है ।। अगर किसान चाहे तो वह भी , अपना सकता कोई और फन । पर इसी माटी का लाल है,वो अपनी मेहनत से , […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।