आओ सूरज की किरणों, तुम्हें अपनी बांहों में समेट लूँ, न फिर हो कहीं अंधेरा, किसी की जिंदगी की राहों में। न हो कोई बेबस,बेसहारा, किसी की निगाहों में, न हो कोई मजबूर, न हो कोई मजलूम कभी भी। हर मजबूर को थोड़ी-सी उम्मीद का प्रकाश दे सकूँ, इसलिए- आओ […]

हर बाधा का हल निकलेगा, आज नहीं तो कल निकलेगा। थककर सोया है जो सूरज, वो निश्चित ही कल निकलेगा। कलियाँ भी महकेंगी उस दिन, जिस दिन उनमें दल निकलेगा। कर्म करो नेकी का जग में, उसका मीठा फल निकलेगा। नाम बड़ा होगा जिस दिन भी, खोटा सिक्का चल निकलेगा। […]

संसार का नाम है भ्रमण,संस धातु से बना है जिसका अर्थ है संसरण करना,और संसार में भ्रमण का कारण है मोहl मोह के दो रूप हैं राग और द्वेषl प्रत्येक जीव प्रत्येक क्षण किसी से राग करता है, और किसी से द्वेष करता हैl मोह एक तराजू या तुला है,जिसके […]

न करो भाइयों अपने ही घर में राजनीति, ये तो है दोहरे किरदार वालों की कूटनीति। इससे तो अपने आपसी रिश्तों में आती हैं दूरियां, बन जाती है घर के अंदर लाने से ये फूटनीति। लाओगे घर में इसे तो,सुख से न रह पाओगे, गँवाओगे सब कुछ,और नींद-चैन सब गँवाओगे। […]

राधा रद्दी बीनती,सोच भाग्य लड़ जाय। कहीं हाथ में बीनते,कंचन न पड़ जाय॥ पढ़कर करना क्या हमें,सोच रहा मजदूर। सरस्वती नहीं भाग्य में,लक्ष्मी हैं मजबूर॥ सरस्वती माँ सोचकर,पीट रही हैं माथ। क्या होगा अधिकार दें ? बुद्धि नहीं गर साथ॥ शिक्षा,पुस्तक,तुष्टि हित,भोजन भी भरपूर। अभिभावक धन लोभ में,बना रहे मजदूर॥ […]

कभी खो न जाए तुम्हारा, मुझ पर है जो विश्वास। करती हूं कोशिश सदा,देश,काल, परिस्थितियाँ  नहीं देती साथ॥ तुम्हारा विश्वास ही तो है, जो आज भी फ़िक्र करते हो मेरी। और मेरा,मेरा विश्वास भी तो देखो, किया न तुम पर अटूट॥ कुछ भी हुआ पर, उसे न टूटने दिया,हमने। सभी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।