कुएँ में भांग 

0 0
Read Time1 Minute, 27 Second
vaikunth
राधा रद्दी बीनती,सोच भाग्य लड़ जाय।
कहीं हाथ में बीनते,कंचन न पड़ जाय॥
पढ़कर करना क्या हमें,सोच रहा मजदूर।
सरस्वती नहीं भाग्य में,लक्ष्मी हैं मजबूर॥
सरस्वती माँ सोचकर,पीट रही हैं माथ।
क्या होगा अधिकार दें ? बुद्धि नहीं गर साथ॥
शिक्षा,पुस्तक,तुष्टि हित,भोजन भी भरपूर।
अभिभावक धन लोभ में,बना रहे मजदूर॥
यह तो भारत वर्ष है,पड़ी कुएँ में भाँग।
सब पैसा ही खोजते,बना रहे बस स्वांग॥
सत्ता-शासन क्या करे,घुट्टी कौन पिलाय ?
यहाँ सुरसती खेत में,घास निरावन जाँय ॥
कोई ग्राम सभा नहीं,जहाँ न हो स्कूल।
शिक्षक बालक खोजते,मति किसकी प्रतिकूल ?
बालक द्रव्य कमा रहा,नाम लिखा स्कूल।
‘मिड-डे’ खाने जायगा,कभी न सकता भूल॥
जान बूझकर बेचते,लेकर केतली चाय।
मोदी गर पीएम हुए,सीएम ही हो जाँय॥

                                       #वैकुन्ठ नाथ गुप्त ‘अरविन्द’

परिचय : वैकुन्ठ नाथ गुप्त ‘अरविन्द’ टेलियागढ़ (जिला-फैजाबाद(उप्र) में रहते हैं।आप काफी समय से काव्य रचना में लीन हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

रस्ता पार नहीं होता...

Fri Dec 22 , 2017
बिन मेहनत के कभी कोई सुंदर संसार नहीं होता, आधे मन से जीवन का यह रस्ता पार नहीं होता। प्यार हमेशा निर्मल मन की एक अमानत है यारों, बिन इसके इस जीवन का कोई आधार नहीं होता। ऊपर वाले को धोखा देने से बात नहीं बनती, नकली हो आराधन तो […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।