पचपन में भी, बचपन का मन जिंदा रहना चाहिए। आसमान के हर कोने में, पंख सुनहरे सपनों वाला परिंदा रहना चाहिए॥ सौ सुनहरे तारों पर भी, आसमां में सबका मनहर चंदा रहना चाहिए। सागर की सौ लहरें फिर भी जीवन हर पल जिंदा रहना चाहिए॥ अल्हड़पन और मस्ती खातिर, दिल […]

आओ दीवाली,धूम मचाएं, मिलकर खुशियां,खूब मनाएं। सच में सबको मिले दीवाली, आओ मिलकर दीप जलाएं॥ हर चेहरे पर,रौनक निखरे, खुशियों की, फुलझड़ियां बिखरे॥ सबको खुशियां,प्यार बहुत-सा, देने का संकल्प उठाएं। आओ दीवाली,धूम मचाएं, मिलकर खुशियां,खूब मनाएं। राम आगमन,के पावन दिन, भूखा न हो, कोई जन-मन॥ घर-चौबारे,मन के द्वारे, मंगल वंदनवार […]

शब्द-साधना, ब्रह्म-साधना। यही तो है बस, स्वयं-साधना॥ शब्द मेरे पास आओ, अरे ! प्यारे शब्दों, मेरे पास आओ। कोई गीत,कहानी,कविता सुनाओ॥ मधुर तुम, मधुर तुम, रसीले बहुत हो। सरल तुम, सहज तुम, रंगीले बहुत हो॥ मिसरी से मीठी, हमें तान सुनाओ। अरे ! प्यारे शब्दों ,मेरे पास आओ॥ तुम ही […]

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  आओ,आओ कर लें आज, मनड़े री बात सखी। गाओ,गाओ कुरजे आज, हिवड़े रे साथ सखी॥ मोर बोले पीहूं-पीहूं, उठे रे हिलोर। पपीहे री बोली खारी, घूरे रे चकोर॥ पीव-पीव करे रे आवाज, नभ काली रात सखी। आओ,आओ कर लें आज, मनड़े री बात सखी॥ पीव का घर अपना अब, […]

मैया दूध पिलाओ ना, भूख लगी है आओ न। दूध पिलाकर,लोरी गाकर, वापिस मुझे सुलाओ न॥ मैया तेरी गोदी मुझको, बहुत सुहानी भाती है। तेरी वाणी ,तेरे हाथों , मेरी निंदिया आती है॥ मैया तेरी बातें,ममता, मेरे मन को हरती है। मेरा अम्बर,पंछी,बादल, तू  ही मेरी  धरती है॥     […]

एक हाथी और दर्जी में था, बहुत घनेरा प्रेम, दोस्ती। प्रेम-भाव से मिलते-जुलते, पाते सच्ची जीवन मस्ती॥ हाथी नदी किनारे हर दिन, करने जाता स्नान,जलपान। उसी डगर के बीच सफर में, आती थी दर्जी की दुकान॥ दर्जी  देता  रोटी रोज, कभी न करता इसमें भूल। हाथी भी था प्रेम का […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।