टिक न सकेगा कपट का, फर्जी …माया जाल। कुलभूषण के केस में, हुई जीत …हर हाल। हुई जीत हर हाल,मुकदमा भारत …जीता। थुड़ी पाक की हुई,झूठ का दगा…पलीता। कह ‘अरविन्द’ समझाय, भले हो…छम्ब,बटालिक। सदा सत्य की विजय,झूठ कैसे सकता टिक ?                   […]

दुनिया से डरने वाले,कब प्यार करते हैं, कशमकश में रहने वाले जीते ना मरते हैं। जो लोग सोचते रहते,दो राहे पर खड़े होकर, मंजिलों के सरताज,कभी बना नहीं करते हैं। बढ़ाई थी धड़कनें जिसने तेरे दिल की, वो आज भी तेरी हाँ का इंतज़ार करते हैं। कहती हो किनारा कर […]

वे वे अमीर हैं, रहने दो उन्हें अमीर करदो कैद उन्हें उनकी अमीरी के साथ। मत घूमो उनके चारों ओर उनकी पानी,कोक,बीयर, व्हिस्की की पुकार को गूंजने दो। अमीरी के महल में, पड़ी रहने दो खाली बोतलें, गंदे चादर, झूठी प्लेंटे,घूरा बनी डाइनिंग, जमीन पर सफेद और लाल दाग बने […]

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अँधेरा हैं चारों तरफ, कोई दीवाना चाहिए मिटा दे जो अंधेरों को, दीपक जलना चाहिए। भरोसा भोर का है नहीं, रात भी है रकीब जैसी ढूँढ लाए जो शमां को, ऐसा परवाना चाहिए। फलक तक जाना चाहो, आसमां से करने बातें परिन्दों सी जो नीयत हो, उसे उड़ जाना चाहिए। […]

सृजन की भावनाओं का नवल संसार पुलकित हो। विजय की प्रार्थना का रम्य पारावार पुलकित हो॥ अलक्षित प्रीति के बादल गगन की रागिनी के संग। भिगोएं लक्ष्य के आंगन तो हर घर द्वार पुलकित हो॥ शहीदों की प्रबल अनुपम विजय का गान पुलकित हो। सभी वेदों व धर्मों से मिला […]

आओ इन जीर्ण दरख्तों में थोड़ी-सी जान फूंकते हैं, इनके अंतस की पीड़ा को स्वर-लय दे आज़ हूँकते हैं। शायद कोई तो समझ सकेगा, दर्द मौन आशाओं का.. या फ़िर बन जाएगा कोई, अनुगामी अभिलाषाओं का। भू का कम्पन समझे कोई, आवेश समझ ले अम्बर का.. कुदरत की हर पीड़ा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।