क्यों किसी का इशारा नहीं होता कोई दिलबर हमारा  नहीं  होता चारों  ही  तरफ  क्यों  है  सन्नाटा भला खूबसूरत क्यों नजारा नहीं होता फँसे समुंदर में मझधार में आकर किस्मत में क्यों किनारा नहीं होता खुशियां साथ होती मेरे भी अक्सर अगर कोई बाजी मैं हारा नहीं होता करें ऐतबार […]

मंजर  मुझे भी  भाने लगा है कोई चेहरा याद आने लगा है आसमां में चाँद खूबसूरत लगे  भौरा कोई   इतराने  लगा  है शरदपूर्णिमा झूम कर आ  गई मस्ती में गीत कोई गाने लगा है सुहाना है मौसम हसीन वादियां दरिया किनारे कोई बुलाने लगा है रात हो  ही गई खिल […]

अभी रावण का  पुतला  जला  है हादसा मेरे भाई कहां फिर टला है कई  रावण  फिर से  जिंदा  मिलेंगे बुराई का जहां में अभी सिलसिला है दानव ही दानव नजर आ रहे हैं सर पे हमारे अभी कोई  बला है उजाले रहे देखो  चंद ही पलों के हुआ अंधकार फिर  […]

दिल में हमें भी बसाकर तो देखो सीने  से  जरा लगाकर तो  देखो पलकें बिछाए खड़े  है राहों में तेरी रुख से जरा पर्दा हटाकर तो देखो मेरी आँख में है चाहत तुम्हारे लिए नजर से  नजर  मिलाकर तो देखो सँवर जाएंगे और सँवार देंगे तुम्हे भी हाले दिल हमसे […]

बेटी का जिस घर अवतार होता है  महकता है वो आँगन गुलजार होता है बन जाती है वो बहु किसी घर की  सर पर रखे आँचल संस्कार होता है पड़े दहलीज पर कदम उसके  मुस्काता खिला परिवार होता है समाज में मिलता है सम्मान भी उसको  खुशियों भरा मानो संसार […]

मुसाफिर हूँ मैं यारों चलने लगा हूँ मुझे फिक्र कैसी मचलने  लगा  हूँ वहीं  हाल में  हूँ जैसा था  पहले कभी तुम न सोचो बदलने लगा हूँ मुड़कर पीछे कभी ना देखा हमने मस्ती में  अपनी ही  बढ़ने  लगा  हूँ गिराने की कोशिश करता रहा ये जमाना मगर गिर के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।