ज्ञान की देवी सरस्वती पूजता हूँ तुम्हें, बुद्धि और विवेक के भंडार भर दीजिए। व्यर्थ शब्दों का अवशेष फैल रहा चहुंओर, शुद्धता बना दो दूर सब विकार कर दीजिए। प्रेम-प्यार वाली बोली सब बोलने लगें तो, द्वेष वाली भावना का उदगार कर दीजिए। चाहता हूँ लेखनी राष्ट्र हित में ही […]

बेटा यदि वारिस है, तो बेटी पारस है। बेटा यदि वंश है, तो बेटी अंश है। बेटा यदि तन है, तो बेटी मन है। बेटा यदि संस्कार है, तो बेटी संस्कृति है। बेटा यदि आन-बान है, तो बेटी मान-गुमान है। बेटा यदि दया है, तो बेटी दुआ है। बेटा यदि […]

विश्वासों पर दिल से दिल का, सीधा सच्चा प्यार टिका है, समता के ही दृष्टिकोण पर, रिश्तों का आधार टिका है। खुदगर्जी का सत्य यही मैं, अब तक जान सका हूँ जानम, निहित स्वार्थ में सच कहता हूँ,मौकों का बाजार टिका है। नेह निवेदन को भिक्षा का,समझा एक कटोरी तुमने, […]

आज सीताराम चौकसे(सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर) की वृद्धाश्रम में मृत्यु हो गई थी। पूरा आश्रम शोकाकुल था,रिया फूट-फूटकर रोए जा रही थीl इसका दादाजी से कोई खून का रिश्ता नहीं था, सिर्फ एक संवेदना थी जो उसे इन बुजुर्गों के पास रोज खींच लाती थी,पर आज वह ऐसे रो रही थी जैसे […]

टंगी है दीवाल पर, तस्वीर दादा पर दादा की धूल-मिट्टी उस पर कर रही राज, चला रही शासन। जाले मकड़ी के इर्द-गिर्द, जैसे दबा रहे उसे चंगुल में, खामोश निशब्द तस्वीर सह रही, जुल्म नए-पुराने यूं ही हँसते,मुस्कुराते, पर हम नहीं देख पा रहे बुजुर्गों को तस्वीर की गहनशीलता कोll […]

हिन्द और हिंदी की जय-जयकार करें हम, भारत की माटी,हिंदी से प्यार करें हम। भाषा सहोदरी होती है हर प्राणी की, अक्षर-शब्द बसी छवि शारद कल्याणी की। नाद-ताल,रस-छंद,व्याकरण शुद्ध सरलतम, जो बोलें,वह लिखें-पढ़ें विधि जगवाणी की। संस्कृत-पुत्री को अपना गलहार करें हम, हिन्द और हिंदी की जय-जयकार करें हम। भारत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।