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बेटा यदि वारिस है,
तो बेटी पारस है।
बेटा यदि वंश है,
तो बेटी अंश है।
बेटा यदि तन है,
तो बेटी मन है।
बेटा यदि संस्कार है,
तो बेटी संस्कृति है।
बेटा यदि आन-बान है,
तो बेटी मान-गुमान है।
बेटा यदि दया है,
तो बेटी दुआ है।
बेटा यदि भाग्य है,
तो बेटी विधाता है।
बेटा यदि शब्द है,
तो बेटी अर्थ है।
और,बेटा यदि गीत है,
तो बेटी संगीत है।
#रामनिवास कुमार
परिचय : रामनिवास कुमार बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर से हैं। आपकी जन्मतिथि १२ जून १९७१ और जन्म स्थान-नालंदा है। स्नातकोत्तर(अंग्रेजी,पत्रकारिता और पुस्तकालय विज्ञान)तक शिक्षित श्री कुमार का कार्यक्षेत्र-मुजफ्फरपुर स्थित दूरदर्शन केन्द्र है। आप सहित्य में गहरी अभिरुचि (पुस्तक व कविता लेखन) रखते हैं। समीक्षा प्रकाशन (अंग्रेजी में तीन पुस्तकें प्रकाशित) के साथ ही ३ अन्य प्रकाशन हेतु पीएमओ में भेजी गई हैं। ऐसे ही हिन्दी में तीन पुस्तकें प्रकाशन होना बाकी है। आपको सरकार तथा साहित्य जगत से कई पुरस्कार मिले हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-भारत के छात्र-युवाओं को लाभान्वित करना है। विभिन्न माध्यमों में आपकी कई कविताएँ प्रकाशित हुई हैं।
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Sat Oct 14 , 2017
ज्ञान की देवी सरस्वती पूजता हूँ तुम्हें, बुद्धि और विवेक के भंडार भर दीजिए। व्यर्थ शब्दों का अवशेष फैल रहा चहुंओर, शुद्धता बना दो दूर सब विकार कर दीजिए। प्रेम-प्यार वाली बोली सब बोलने लगें तो, द्वेष वाली भावना का उदगार कर दीजिए। चाहता हूँ लेखनी राष्ट्र हित में ही […]