ईद उन्हें मुबारक हो, होली इन्हें मुबारक हो। मेरे लिए दो रोटी का, कोई तो जुगाड़क हो॥ दंगा  उन्हें     मुबारक   हो, नंगा  इन्हें    मुबारक    हो। गरीबों  की दुनिया में कोई, गरीबी    का   उबारक हो॥ मंदिर  उन्हें   मुबारक   हो, मस्जिद इन्हें  मुबारक  हो। भूखे का  भगवान भोजन, […]

स्वच्छ रहेंगें,स्वस्थ रहेंगे,भारत को भी स्वच्छ करेंगें। करते हैं प्रतिज्ञा,हम सब करते हैं प्रतिज्ञा॥ शौच खुले में अब नहीँ करेंगें,जल-थल को अब साफ रखेंगें। करते हैं प्रतिज्ञा,हम सब करते हैं प्रतिज्ञा॥ हाथ हमारे कौशल-धन-बल,सदा साफ ये सदा हो निर्मल। हाथ धो के जल-पान करेंगें… करते हैं प्रतिज्ञा,सब हम करते हैं […]

स्त्री पुरुष-एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी या पूरक यह विषय आज भी बहुत महत्वपूर्ण और प्रासंगिक है। इस पर मेरे विचार स्त्री होते हुए भी थोड़े अलग हैं। मैं मानती हूं और चाहती भी हूं कि स्त्री, पुरुष यदि पति-पत्नी हैं तो पूरक ही हैं, बशर्ते कि दोनों एक-दूसरे के लिए […]

पश्चिम की नकल की भांति हिंदी में भी किताबों की श्रेष्ठ विक्रेता वाली दौड़ बहुत तेज रूप में चल पड़ी है,जिस पर लगाम लगाना मुश्किल ही नहीं,बल्कि नामुमकिन नज़र आता है,क्योंकि इस दौड़ को आयोजित करने वाले,दौड़ के लिए ट्रेक बिछाने वाले ग़ैर साहित्यिक नामी प्रकाशक हैं,जो अपनी व्यवसायिक प्रतिद्वंदिता […]

श्रीमद्भगवतगीता की अद्वितीय व्याख्या यथार्थ गीता मानव मात्र का धर्मशास्त्र है। भारत में प्रकट हुई गीता विश्व मनीषा की धरोहर है। भारत सरकार को चाहिए कि,यथार्थ गीता को भारत का राष्ट्रीय धर्मशास्त्र घोषित कर दिया जाए। यथार्थ गीता को राष्ट्रीय शास्त्र का मान देकर ऊँच-नीच, भेदभाव तथा कलह परम्परा से […]

सिर के पीछे पड़ी हलकी-सी चपत से ही इस युद्ध का शंखनाद हो चुका थाl तकियों को अस्त्र-शस्त्र की तरह इस्तेमाल करने के बाद बात मल्लयुद्ध तक आ पहुंची थी। `आज तो तेरी ईंट-से-ईंट बजा दूंगाl` विकास उसकी आँखों में देखकर गुर्राया। मैं भी पापा आज आपको नहीं छोडूंगी।` पलंग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।