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स्वच्छ रहेंगें,स्वस्थ रहेंगे,भारत को भी स्वच्छ करेंगें।
करते हैं प्रतिज्ञा,हम सब करते हैं प्रतिज्ञा॥
शौच खुले में अब नहीँ करेंगें,जल-थल को अब साफ रखेंगें।
करते हैं प्रतिज्ञा,हम सब करते हैं प्रतिज्ञा॥
हाथ हमारे कौशल-धन-बल,सदा साफ ये सदा हो निर्मल।
हाथ धो के जल-पान करेंगें…
करते हैं प्रतिज्ञा,सब हम करते हैं प्रतिज्ञा॥
कचरा अपने स्वास्थ्य का दुश्मन, फेंक,जलाने से दूषित तन-मन…
कचरे को निस्तारित करेंगें।
करते हैं प्रतिज्ञा,सब हम करते हैं प्रतिज्ञा॥
दूषित जल,बीमारी हो घर-घर,नदी-सरोवर होंगे बेघर,
जल को अब उपचारित करेंगें।
करते हैं प्रतिज्ञा,हम सब करते हैं प्रतिज्ञा॥
आस-पास को स्वर्ग करेंगें,नरक-गन्दगी अब नहीं सहेंगें,
जन-सुधार कर खुद भी सुधरेंगें।
करते हैं प्रतिज्ञा,हम सब करते हैं प्रतिज्ञा॥
स्वच्छ सफाई अमूल्य स्वधन,फिर इससे क्यों हम रहे निर्धन,
इस धन को हम ही सहेजेंगे।
करते हैं प्रतिज्ञा,हम सब करते हैं प्रतिज्ञा॥
स्वच्छ भारत हो अपना सपना,स्वास्थ्य बनेगा सबका गहना,
स्वच्छ बन निरोग बनेंगें।
करते हैं प्रतिज्ञा,सब जन करते हैं प्रतिज्ञा॥
साफ-सफाई दिल में बसाएँगे,स्वच्छता के मिल सब गीत गाएंगे,
अभियान-स्वच्छता को सफल बनाएंगे।
करते हैं प्रतिज्ञा,हम सब करते हैं प्रतिज्ञा॥
स्वच्छ रहेंगें,स्वस्थ रहेंगे,भारत को भी स्वच्छ करेंगें।
करते हैं प्रतिज्ञा,हम सब करते हैं प्रतिज्ञा॥
शौच खुले में अब नहीं करेंगें,जल-थल को अब साफ रखेंगें।
करते हैं प्रतिज्ञा,हम सब करते हैं प्रतिज्ञा॥
#दुर्गेश कुमार
परिचय: दुर्गेश कुमार मेघवाल का निवास राजस्थान के बूंदी शहर में है।आपकी जन्मतिथि-१७ मई १९७७ तथा जन्म स्थान-बूंदी है। हिन्दी में स्नातकोत्तर तक शिक्षा ली है और कार्यक्षेत्र भी शिक्षा है। सामाजिक क्षेत्र में आप शिक्षक के रुप में जागरूकता फैलाते हैं। विधा-काव्य है और इसके ज़रिए सोशल मीडिया पर बने हुए हैं।आपके लेखन का उद्देश्य-नागरी की सेवा ,मन की सन्तुष्टि ,यश प्राप्ति और हो सके तो अर्थ प्राप्ति भी है।
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