चले हैं तेरे शहर से ज़ख्म ले के हरे, नहीं मिलेंगे दोस्त हमसे जुदा होने के बाद। हर पतझड़ के बाद बहारें आती ही हैं, नहीं आएगी रिफ़ाक़तें शब-सवेरे के बाद। मैं खामोश हूं एक अरसे से इस कशमकश में, कि आँखों में उनकी भी इल्तजा झलके शिद्दत के बाद। […]
(संदर्भ-9 दिसम्बर जन्म दिवस) दूसरे सप्तक के कवियों में प्रमुख नाम रघुवीर सहाय का आता है। हिंदी के विलक्षण कवि,लेखक,पत्रकार, सम्पादक,अनुवाक,कथाकार,आलोचक रघुवीर सहाय का जन्म ९ दिसम्बर १९२९ को लखनऊ(उत्तर प्रदेश) में हुआ था। इन्होंने १९५१ में अंगेजी साहित्य में स्नातकोत्तर किया। १९६४ से साहित्य सृजन करना प्रारंभ किया। इनका विवाह […]