महीना आया दिसम्बर का अवकाश शीतकालीन का, असर मुक़म्मली सर्दी का कंपकंपी वाली ठंडक का। चारों ओर धुंध ही धुंध कोहरे ने बढ़ाई मुश्किल, नम हवा ने बढ़ाई ठिठुरन स्कूल जाना हुआ कठिन। स्कूलों में छाई खामोशी कक्षा कक्ष पड़े खाली, खेल मैदान में ओस कण बिखरे ठंडे पड़े नानिहालों […]
मुरली,माखन,प्रीति है,कृपा मिले अभिराम। ब्रजवासी फिर मुक्ति क्यों,चाहेगा घनश्याम!॥ जड़-चेतन,चर-अचर सब,मोहे खोकर ध्यान। हुई अचेतन सृष्टि सब,सुन मुरली की तान॥ भागीं मधुवन के लिए,बूढ़ी,बाल-जवान। हुईं गोपियाँ बावलीं,सुन मुरली की तान॥ झूमें,नाचे चर-अचर,भूल देश,गति,काल। कान्हा की बंशी बुने,सम्मोहन का जाल॥ […]