लौट आए दिन छुट्टियों के

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l r seju
महीना आया दिसम्बर का
अवकाश शीतकालीन का,
असर मुक़म्मली सर्दी का
कंपकंपी वाली ठंडक का।
चारों ओर धुंध ही धुंध
कोहरे ने बढ़ाई मुश्किल,
नम हवा ने बढ़ाई ठिठुरन
स्कूल जाना हुआ कठिन।
स्कूलों में छाई खामोशी
कक्षा कक्ष पड़े खाली,
खेल मैदान में ओस कण बिखरे
ठंडे पड़े नानिहालों के झूले।
खेलेंगे,नाचेंगे और गाएंगे गीत
खेल-खेल में मिटाएंगे ठिठुरन,
छाई सर्दी की प्यारी धूप
निखरेगा नानिहालों का रूप।
सर्दी में पकवानों की महक
तिल के लड्डू और पकोड़े,
मालपुए आह!क्या कचौड़ी
लौट आए दिन छुट्टियों के।
मीठे व्यंजन बालमन को लुभाए
सर्दी में ऊनी वस्त्र मन भाए,
खेल-खेल में छुट्टियां बीत जाए
नानिहाल फिर स्कूल महकाए॥
                                          #एल.आर. सेजू
परिचय : एल.आर. सेजू थोब राजस्थान की तहसील ओसिया(जिला जोधपुर) में रहते हैं।आपको हिन्दी लेखन का शौक है। अधिकतर लेख लिखते हैं।

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