हाथ तिरंगा गहने वाला दीप बुझ गया जलते-जलते। वंदे मातरम् के उत्तर में कत्ल हो गया चलते-चलते। राष्ट्र चेतना की वेदी पर शीश चढ़ा एक और तरुण- दर्पण उसने दिखा दिया है राजतंत्र को हँसते-हँसते॥ राष्ट्रभक्ति की बेल छजी जब सत्ता चौबारों में। वंदेमातरम् के रखवाले कटते  क्यों बाजारों में। […]

झुर्रियों को केवल चेहरे की    लकीरें ना समझें, अगर काबिल हो तो    उनकी काबिलियत को समझें।          जवानी में तो ये तुमसे           भी सजीले नौजवान थे,          जब चलते थे सीना तान के         […]

जो बात है सही,वो छुपाई न जाएगी। झूठी कसम तो आपकी खाई न जाएगी॥ बस हादसे ही हादसे मिलते रहे मुझे। लिक्खी खुदा की बात मिटाई न जाएगी॥ चेहरे हैं बेनकाब यहाँ कातिलों के अब। लेकिन सजा-ए-मौत सुनाई न जाएगी॥ ज़ाहिद खुदा की ओर मुखातिब न कर मुझे। काफ़िर हूँ […]

हम हैं मिट्टी के दीए। बने हैं रोशनी के लिए॥ ऐ सघन तम, नहीं है कोई गम। हम जग को आलोकित, करेंगे हरदम॥ खुशियों की बारिश में भीगे जीवन। हृदय के मन्दिर में गूँजे धड़कन॥ कौन यहाँ छोटा है,कौन यहाँ बड़ा है। सांसों के सहारे ‘सावन’,संसार खड़ा है॥ रोशन हो […]

जाति-पाति को छोड़कर,गुरु देते हैं ज्ञान, साथ ही करते हैं दूर,आरक्षण का अज्ञान। हौंसले बुलंद हों शिष्य के,ऐसी प्रेरणा देते हैं, अबोध शिष्य के दिल की बात,तुरंत जान लेते हैं। गुरु और शिष्य का,बहुत ही पावन नाता है, ज्ञान ग्रहण कर शिष्य,बड़े-बड़े पद है पाता। गुरु का पद है बहुत […]

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पन्नों पर  लिखने से पहले, कविता मानस पटल लिखूँ। क्यों तन-मन में यह टूटन है, चटका मेरा भी दर्पण है क्यों जाते वो भूल व्यथा को, उपचार ‘अर्चना’,चिंतन है। घावों पर मलहम हो जाए, ऐसा अब नवनीत करुं। पन्नों पर लिखने से पहले, कविता मानस पटल लिखूं॥ देखो भू पर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।