रंगों की रंगोली में साथ सभी के टोली में। प्यार का रंग बरसातें हैं प्रिये आओ अबकी होली में। फागुन का खूब चढ़े खुमार रस घोल दो ऐसी बोली में। गिले-शिकवे भूल मिल जाएं गले मीत आओ अबकी होली में। हर चेहरे पे मुसकान सजे खुशियों से हर मन महके। […]

एक आकलन कारणों पर बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में फिल्मी ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है फ्लॉप दर फ्लॉप फिल्मो की भरमार होती जा रही है| आज इसी विषय पर बात होगी की ऐसे क्या कारण है कि बॉलीवुड की फिल्मों से दर्शक दूर होते जा रहे है इसके कुछ मूल कारण है […]

जीव धरा पर जो भी है है परमात्मा की ही देन जो जीव पर हिंसा करे कहलाता नही वह नेक दया,करुणा,ममता सब है मानवता के आभूषण जो इनको धारण करे होते वही समाज भूषण जीवात्मा ज्योतिबिन्दु है होती अजर अमर है परमात्मा भी उसी रूप मे परमधान रहवासी है आत्मा […]

डूबोगे तुम, पानी को दोष दोगे… मंजिल नहीं मिलेगी, तो किस्मत को दोष दोगे… गलती आंख की है, ठोकर लग गई… संभलने की बजाए पत्थर को दोष दोगे… जमाने की सुनोगे, तो पीछे रह जाओगे… आकर फिर तुम, जमाने को दोष दोगे… लोग अजीब हैं, हंसेंगे तुम पर… जब भीड़ […]

योगी बाबा आये है, बच्चों को समझाये है, नकल नहीं करना बाबू, कैमरा लगाए हैं। बहुत प्रसंशनीय कार्य पर बाबा यह ठीक नहीं, गर ऐसा करना था, वर्ष प्रारंभ में ही , शिक्षकों को भी रगड़ना था, पूरे साल राजनीति में, लगे रहे मेरे गुरूवर जी, आते दो दिन कालेज […]

सच ही है यह असहाय हो जाता है उस वक्त एक पिता जब समर्पित कर देता है वह अपने जिगर के टुकड़े को दस्तूर और विश्वास के चलते एक अजनबी के हाथ। मानकर यह – कि रहेगी वहाँ सदा सुखी और सम्पन्न मिलेंगी उसे खुशियां अपार होगा उसका अपना भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।