नया उजाला

0 0
Read Time1 Minute, 57 Second
mrutyunjay sisodiya
डूबोगे तुम,
पानी को दोष दोगे…
मंजिल नहीं मिलेगी,
तो किस्मत को दोष दोगे…
गलती आंख की है,
ठोकर लग गई…
संभलने की बजाए
पत्थर को दोष दोगे…
जमाने की सुनोगे,
तो पीछे रह जाओगे…
आकर फिर तुम,
जमाने को दोष दोगे…
लोग अजीब हैं,
हंसेंगे तुम पर…
जब भीड़ में तुम,
अकेले उद्घोष दोगे…
गिर, उठ, चल,
जमाने को दिखला दे…
तू मोम नहीं है ,
अंगारों को पिघला दे…
रुक मत बढ़ा कदम,
छू ले ऊंचाइयों को…
पी ले समाज में घुली,
जहर सी बुराइयों को…
सूरज को तू धूल चटाकर,
अंधेरे को जड़ से हटा दे…
प्यार की फिर शमा जलाकर,
एक नया उजाला ला दे…
#मृत्युंजय सिसोदिया
परिचय : मृत्युंजय सिसोदिया की जन्मतिथि-१९ जुलाई १९९८ तथा जन्म स्थान-डोराई,बेगूं(चितौड़गढ़-राजस्थान) हैl आपका वर्तमान निवास भी बेगूं(चितौड़गढ़) में ही हैl राजस्थान के श्री सिसोदिया की शिक्षा-बी.टेक.(अभियांत्रिकी) होने से कार्यक्षेत्र अभियांत्रिकी ही है l सामाजिक क्षेत्र में आप समाज के युवा समूह से जुड़े हुए हैं। आपकी कविताओं को अखबारों में स्थान मिला हैl ब्लॉग पर भी लिखने वाले मृत्युंजय सिसोदिया खो-खो खेल के अच्छे खिलाड़ी हैं।बचपन से ही काव्य में रूचि रखने वाले मृत्युंजय सिसोदिया के लेखन का उद्देश्य कविताओं के जरिए अपनी बात को सब तक पहुंचाना है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

योग

Sat Mar 10 , 2018
जीव धरा पर जो भी है है परमात्मा की ही देन जो जीव पर हिंसा करे कहलाता नही वह नेक दया,करुणा,ममता सब है मानवता के आभूषण जो इनको धारण करे होते वही समाज भूषण जीवात्मा ज्योतिबिन्दु है होती अजर अमर है परमात्मा भी उसी रूप मे परमधान रहवासी है आत्मा […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।