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डूबोगे तुम,
पानी को दोष दोगे…
मंजिल नहीं मिलेगी,
तो किस्मत को दोष दोगे…
गलती आंख की है,
ठोकर लग गई…
संभलने की बजाए
पत्थर को दोष दोगे…
जमाने की सुनोगे,
तो पीछे रह जाओगे…
आकर फिर तुम,
जमाने को दोष दोगे…
लोग अजीब हैं,
हंसेंगे तुम पर…
जब भीड़ में तुम,
अकेले उद्घोष दोगे…
गिर, उठ, चल,
जमाने को दिखला दे…
तू मोम नहीं है ,
अंगारों को पिघला दे…
रुक मत बढ़ा कदम,
छू ले ऊंचाइयों को…
पी ले समाज में घुली,
जहर सी बुराइयों को…
सूरज को तू धूल चटाकर,
अंधेरे को जड़ से हटा दे…
प्यार की फिर शमा जलाकर,
एक नया उजाला ला दे…
#मृत्युंजय सिसोदिया
परिचय : मृत्युंजय सिसोदिया की जन्मतिथि-१९ जुलाई १९९८ तथा जन्म स्थान-डोराई,बेगूं(चितौड़गढ़-राजस्थान) हैl आपका वर्तमान निवास भी बेगूं(चितौड़गढ़) में ही हैl राजस्थान के श्री सिसोदिया की शिक्षा-बी.टेक.(अभियांत्रिकी) होने से कार्यक्षेत्र अभियांत्रिकी ही है l सामाजिक क्षेत्र में आप समाज के युवा समूह से जुड़े हुए हैं। आपकी कविताओं को अखबारों में स्थान मिला हैl ब्लॉग पर भी लिखने वाले मृत्युंजय सिसोदिया खो-खो खेल के अच्छे खिलाड़ी हैं।बचपन से ही काव्य में रूचि रखने वाले मृत्युंजय सिसोदिया के लेखन का उद्देश्य कविताओं के जरिए अपनी बात को सब तक पहुंचाना है।
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Sat Mar 10 , 2018
जीव धरा पर जो भी है है परमात्मा की ही देन जो जीव पर हिंसा करे कहलाता नही वह नेक दया,करुणा,ममता सब है मानवता के आभूषण जो इनको धारण करे होते वही समाज भूषण जीवात्मा ज्योतिबिन्दु है होती अजर अमर है परमात्मा भी उसी रूप मे परमधान रहवासी है आत्मा […]