समर्पण

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devendr soni
सच ही है यह
असहाय हो जाता है
उस वक्त एक पिता
जब समर्पित कर देता है वह
अपने जिगर के टुकड़े को
दस्तूर और विश्वास के चलते
एक अजनबी के हाथ।

मानकर यह – कि रहेगी वहाँ
सदा सुखी और सम्पन्न
मिलेंगी उसे खुशियां अपार
होगा उसका अपना भी घर-संसार।

पर टूट जाता है यह विश्वास तब
जब बेटी होती है ससुराल में आहत
बात-बात पर मिलते हैं ताने
हो जाते हैं जैसे सब बेगाने
सम्पूर्ण समर्पण के बाद भी ।

समझें इसे –
आती है जब भी कोई
नवविवाहिता घर में हमारे
होता है उसके लिए सबकुछ नया।

लगता है समय –
नये माहौल , नये परिवेश में
ढ़लने के लिये उसे
क्योंकि,
छोड़ती है वह  , बाबुल का घर
जहां बड़ी होकर भी
रहती है सदा ही बच्ची बनकर।

छोड़ती है स्वतंत्रता भी अपनी
नए घरौंदे को सहेजने के लिए।

नहीं जानती –
क्या होता है समर्पण
पर करती है वह इसे भी पूरा
समझ से अपनी ।

हमें भी समझकर यह सब –
अपनाना होगा उसे ।

देना होगा वह माहौल
जिससे फलित हो समर्पण उसका
सबको प्रमुदित करने के लिए ।

बनाएंगे न हम माहौल ऐसा ..?
समर्पण की सार्थकता के लिए !

#देवेंन्द्र सोनी

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।