मेरी राय में धर्म एक जीवन दृष्टि है। सभी प्राणियों से श्रेष्ठतर संवेदनशील मानव की। अपने सर्वोत्तम की खोज उसे पाने का प्रयत्न एवं आत्म साक्षात्कार के रूप में उस परम शक्ति की अनुभूति यही है धर्म का ध्येय। मानव मन की विभिन्न रुचियों के अनुसार कई मत-मतान्तर प्रचलित है। विभिन्न नदियों का मार्ग अलग […]

अनन्तकाल से ही मानव की इच्छा रही है कि वह प्रसिद्ध हो,उसके पास धन-दौलत हो,उसे मान-सम्मान प्राप्त हो,लोग उसे जाने पहचानें। तब से ही मानव इन सबको प्राप्त करने के प्रयास में रहा है और इसके लिए न जाने क्या-क्या करता रहा है ?,और आज भी कर रहा है। आजकल […]

क्या राष्ट्रवाद की अधिकता साम्राज्यवाद, फांसीवाद में परिणित हो जाती है ? जी हाँ,राष्ट्रवाद की अधिकता का परिणाम भी साम्राज्यवाद,फांसीवाद में देखा जा सकता है। जब कोई राष्ट्र,राष्ट्र निवासी अपनी सांस्कृतिक,ऐतिहासिक परम्परा में ग्रस्त होकर मोहान्ध हो जाता है,तब ऐसी स्थिति को देखा जा सकता है। एक राष्ट्र, निर्वासित जाति […]

हिंदी को प्रचलित तौर पर माथे की बिंदी कहा जाता है। जिस तरह सही बिंदी लगाने मात्र से नारी का व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है,ठीक उसी तरह हिंदी भाषा के शुद्ध प्रयोग से साहित्य और हमारे लेखन की महत्ता भी बढ़ जाती है,लेकिन आज देखने में यह आ रहा है […]

हमारे जन्म के साथ ही संसारभर के वे सारे लोग जो हमसे पहले इस दुनिया में जन्म ले चुके होते हैं,हमें सिखाते हैं कि हमें क्या बोलना चाहिए,हमें क्या पढ़ना चाहिए,हमें क्या लिखना चाहिए। हम ये सीख भी लेते हैं-और क्या बोलना,क्या पढ़ना,क्या लिखना हमारे लिए कल्याणकारी है,इसे जैसा का […]

आस्था के नाम पर पाखंड,ढोंग और आडम्बर का खेल भारत में जारी है। एक ऐसा ही ढोंग का खेल रचने वाला तथाकथित बाबा फिर सुर्खियों में हैं। दिल्ली के रोहिणी में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय चलाने वाले तथाकथित बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित पर उसी की शिष्या ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।