भारत देश एक बहु-सांस्कृतिक परिदृश्य के साथ बना एक ऐसा राष्ट्र है जो दो महान नदी प्रणालियों, सिंधु तथा गंगा, की घाटियों में विकसित हुई सभ्यता है, यद्यपि हमारी संस्कृति हिमालय की वजह से अति विशिष्ट भौगोलीय क्षेत्र में अवस्थित, जटिल तथा बहुआयामी है, लेकिन किसी भी दृष्टि से अलग-थलग […]

       भारतवर्ष एक बहुभाषा-भाषी , जाति-जनजाति तथा अनेक धर्मों का देश है, जहाँ छोटे-छोटे क्षेत्रों में अलग अलग बोली ,  जाति- धर्म ,कला-संस्कृति के लोग निवास करते हैं । फिर भी भारत में अनेकता में एकता है ।सभी एक-दूसरे को सहायता करते हैं । एक-दूसरे को समझते हैं […]

काव्य-संग्रह – “खोजना होगा अमृत कलश “ कवि – राजकुमार जैन राजन प्रकाशन – अयन प्रकाशन , 1/20 , महरौली , नई दिल्ली – 110030 मूल्य : 240 रुपये संस्करण : प्रथम 2018 पृष्ठ – 120 पुस्तक प्राप्ति हेतु सम्पर्क नम्बर  09828219919         जाने-माने बाल साहित्यकार श्री […]

आज कि कविता एक नितान्त भाव है. जहाँ मैं पुरुष समाज की मांसिक स्तिथि को समझने की कोसिस कर रही हूं. कल मेरा सात साल का बेटा मुझसे पूछ बैठा, माँ तुम सबसे ज्यादा प्यारी किसे करती हो, उस वक़्त मै वात्सल्य मे डूबी असीम आनंद से सरोबार थी. मैने […]

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ भले ही अब दो अलग-अलग राज्य हो गए हों लेकिन दोनों की राजनीतिक तासीर लगभग एक जैसी ही है। उनमें खास अन्तर इसलिए नहीं आया है क्योंकि दोनों ही जगह निर्णायक भूमिका में लगभग वे ही चेहरे सामने हैं जिन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश से अपनी राजनीति श्ाुरू की […]

आदरणीय भार्गव जी को उनके लेखन के लिए नमन भारत यह भी जान ले कि अंग्रेजी सीखने का सही तरीका क्या है तो भी कल्याण हो जाए| अंग्रेजी अच्छे से कैसे सीखें: यूनेस्को की पुस्तक (इम्प्रूवमेंट इन द कुआलटी आफ़ मदर टंग – बेस्ड लिटरेसी ऐंड लर्निंग, २००८, पन्ना १२) से निम्न […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।