राजू  बेटा  कर  रहा दीवाली मनाने की तैयारी। सब बच्चे मिलकर पटाखे छुड़ाएंगे बारी बारी ।। हर  तरफ जगमग दीपो ने रोशनी है फैलाई। सब बच्चो के घरों में रोशनियां है जगमगाई।। पिंकी  गोलू  भी  बाजार  से  फुलझड़ियां  है  लाये । खूब करेंगे हंगामा,पहले लक्ष्मी गणेश की पूजा हो जाये।। […]

सम्हल कर उड़ तू परिंदे, तेरी उड़ान पर सय्याद बहुत से नजर गड़ाए है। तेरी उड़ान ने ना जाने कब से सय्यादो के होश उड़ाए है। तेरे पिंजरे में बांधने को पर, उन्होंने बहुत जाल बिछाए है। तेरी आजादी से उड़ने से वो सब हैरान बहुत है,तुझे बन्द करने  को  […]

जीवन चक्र हर पल चल रहा है अपनी ही चाल। इसपर ना फर्क पड़े चाहे हो किसी का बुरा हाल।। अपनी चाल पर ये सब लोगो को नाच नचाता है। कोई कितना भी कुछ भी कर ले ये ना रुक पाता है।। जीवन चक्र है ये जीवन के बाद भी […]

कुछ जीवन के लम्हे लिखे,कुछ जीवन के लम्हे खो गए। चंद बाते पन्नो पर लिखी , चंद मन के कोनो में खो गयी।। वो  जो  लम्हे  कहीं खो गए है,बस वही तो जीवन था। बेशक उन लम्हो में धोखा था,पर धोखा उजागर तो ना था।। वो बीते लम्हो में जो […]

मेरे लब की मुस्कुराहट पर वो मेरे आँशु पहचान लेता है। दबे है मन मे जो अल्फाज,उनकी आवाज वो जान लेता है।। मुझे कभी मालूम ना था जिस्म पर कितने खंजर लगे है मेरे। बस मेरी आह से वो मेरे शरीर के खंजर पहचान लेता है।। अभी मैं जिंदा हूँ, […]

झूठा   देखो   चल   रहा   सबको   ले  के  साथ। हुनरमंद  है  बड़ा , छल  रहा  सबको  एक साथ।। मजबूरी  में  है  लोग  बहुत  जो  खड़े  झूठ के  साथ। चंद  रुपयों  के  मोह  में  अब सब चले झूठ  के साथ।। सब बंदर की तरह नाच रहे,हुनरमंद डुगडुगी बजाए। आत्मसम्मान खोकर बंदर बेचारा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।