क्या इंसान में इंसान भी  कहीं  जिंदा  है। क्या अभी भी इंसान का ईमान जिंदा है।। रोज  दूसरे  लोगो  के कर्मो का आंकलन करता है। क्या अभी भी तेरे अंदर का मासूम बच्चा जिंदा है।। घटती हुई उम्र के साथ सब कुछ कहीं पीछे छूट रहा है। वो दुखो से […]

कोयला  कितना  भी  उजला  दिखा ले, पर मन का काला तो काला ही दिखेगा, मकड़े  का  तो काम ही  है  बुनना  जाला, वो तो हमेशा नफरत का जाला ही बुनेगा, गिरगिट से ना उम्मीद करना शराफत की, बात बात में ये नित नए रूप दिखलायेगा। दोमुहे  साँपो  का  कभी  भी  […]

मुरझाए पत्ते  हो  तुम, अब कैसे रुक पाओगे। कभी  जिन  हवाओ के आगे तुम ना झुकते  थे कैसे अब उनके वेग को तुम    सह    पाओगे । अपने   आख़िरी  अंजाम को अब तुम पहचान लो । इससे पहले गिरा दे  तुम्हें ये  हवाएं   क्यों   ना  अब उस पेड का […]

मौन  मचाये  शौर, बता तेरा है कौन । झूठ जोर से बोला, साथ खड़ा मैं तेरे । अपनापन   शरमाया, उसका सर चकराया। विश्वास ने दी बधाई, फिर  उम्मीद  बनाई। धोखे को हँसी आयी, बार बार क्यों तू चोट खाता     है     भाई । मन ने ढाँढस बँधाया, सभी अपने […]

कोयला कितना भी उजला दिखा ले, पर मन का काला तो काला ही दिखेगा, मकड़े का काम है  बुनना जाला, वो  तो  हमेशा जाला  ही  बुनेगा, गिरगिट से ना उम्मीद करना शरिफी कि, बात बात में ये नित नए रूप दिखलायेगा। दोमुहे साँपो का कभी भी विश्वास ना करना। आस्तीन […]

इधर उधर की बाते, बिना बात की बाते, कुछ लोगो के चेहरे ही  उनका  गिरापन हर पल है दिखलाते, बिना बात इठलाते बेशर्म बड़े कभी भी अपनी हरकतो पर ना शर्माते, बिन पेंदी के है लौटे अपनी  जरूरत  के मुताबिक इधर उधर लुढकते है जाते, कपटी  शब्द  भी  इन्हें देखकर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।