मैं अक्सर अपनी खामोशी से बात करता हूँ, कुछ देर ठहर इत्मिनान से मुलाकात करता हूँ। वो बताती है मुझे यहाँ-वहाँ इधर-उधर की बातें, कैसे बीतती है लोगों की रातें। कुछ जागती आंखों में सपने लिए होते हैं, कुछ जागकर भी सोते हैं अपना बहुत कुछ खोते हैं। जरूरी नहीं […]

चाँद की चांदनी हो तुम, सूरज की रोशनी हो तुम सितारों की चमक हो तुम, चूड़ी की खनक हो तुम। सावन की फुंहार हो तुम, प्रीतम का प्यार हो तुम कस्तूरी की महक हो तुम, चिरैया की चहक हो तुम। फूलो में गुलाब हो तुम, सुबह का ख्वाब हो तुम […]

गुल अमन के वतन पे खिलाएंगे हम। हिन्द को विश्व शक्ति बनाएंगे हम॥ देश पर मर मिटे ऐसे फ़ौजी हैं हम। हर बला से वतन को बचाएंगे हम॥ दिल धड़कता रहे जब तलक सीने में। गीत अहले वतन के सुनाएंगे हम॥ आँख जो भी उठेगी मेरे हिन्द पर। शीश उसका […]

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नीर नयन है, पग बन्धन है क्यों नारी ये तेरा जीवन है। पुलकित तन, सुन्दर काया क्यों जीवन में परिवर्तन है। तुझसे ही महक चन्दन है, संघर्षों में क्यों चीर दामन है। भोला मन है धीर चेतना मन पर सौ-सौ डाले बन्धन है। नीर नयन है, पग बन्धन है क्यों […]

हमें न ज़ोर हवाओं से आज़माना था, वो कच्चा धागा था उसको तो टूट जाना था। वो मेरे ज़हन में ढलता गया ग़ज़ल की तरह, मिरा मिज़ाज ही कुछ ऐसा शायराना था। हरेक शख़्स की आँखों में हम ही रहते थे, हमारे पास जो उनका भी आना-जाना था। ये और […]

जोश में भी,होश है,जयकार वंदेमातरम्, धूल दुश्मन को चटा,प्रतिकार वंदेमातरम्। पाक की नापाक हरकत,हम सहेंगे अब नहीं, तोप गोलों से,ग़ज़ब की मार वंदेमातरम्। अब युवा भारत नहीं,लाचार वंदेमातरम्, चाइना  को  दें  मिटा,संहार वंदेमातरम्। अब न सन् बाँसठ कभी,फिर से दुबारा भूल जा, बम,मिसाइल,तोप की,बौछार वंदेमातरम्। शाम सुबहो घंटियाँ,घनकार वंदेमातरम्, चाइना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।