मैं अक्सर अपनी खामोशी से बात करता हूँ, कुछ देर ठहर इत्मिनान से मुलाकात करता हूँ। वो बताती है मुझे यहाँ-वहाँ इधर-उधर की बातें, कैसे बीतती है लोगों की रातें। कुछ जागती आंखों में सपने लिए होते हैं, कुछ जागकर भी सोते हैं अपना बहुत कुछ खोते हैं। जरूरी नहीं […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
जोश में भी,होश है,जयकार वंदेमातरम्, धूल दुश्मन को चटा,प्रतिकार वंदेमातरम्। पाक की नापाक हरकत,हम सहेंगे अब नहीं, तोप गोलों से,ग़ज़ब की मार वंदेमातरम्। अब युवा भारत नहीं,लाचार वंदेमातरम्, चाइना को दें मिटा,संहार वंदेमातरम्। अब न सन् बाँसठ कभी,फिर से दुबारा भूल जा, बम,मिसाइल,तोप की,बौछार वंदेमातरम्। शाम सुबहो घंटियाँ,घनकार वंदेमातरम्, चाइना […]