जैसा कि सभी देशवासियों को विदित है कि हमारे देश में दिनांक 22-03-2020 दिन रविवार को सुभह 7 बजे से लेकर रात्री के 9 बजे तक हमारे प्रिय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर देश की जनता के हित के लिये व कोरोना वायरस से बचने के लिये […]

बारिश हो जाये,गर्मी तो बहुत है | लोगो के जमीर पर,धूल बहुत है || लगता है गुलाब सभी को अच्छा | पर उसके दामन में सूल बहुत है || जिन्दगी जीते है,लोग अपने हिसाब से | पर जिन्दगी जीने के लिये रूल बहुत है || भूल जाता है,इंसान अपनी भूलो […]

जब दरवाजा खोला,तुम्हारी आँखों में आँसू चेहरे पर बेबसी थी | पहले क्यों नहीं बताया तुमने,मेरी ऊँगली दरवाजे में फंसी थी || गमले के फूल गिर जाते है,जब तुम आती हो | क्या तुम अंधी हो,बेचारे गमले से टकराती हो || तुझ को तुझ से चुरा लू,कहने को तो बड़ी […]

पूनम की चाँदनी रात हो,पिया मेरे साथ हो | नजरे जरा झुकी हो,दिल से दिल की बात हो || फूलो के सेज हो,केवल मेरे पिया साथ हो | धीमी धीमी रौशनी हो,फिर सुनेहरी रात हो || जब जब अँधेरी रात हो,जलता दीया मेरे हाथ हो | डर न लगे मुझे […]

मुझे तो आपके पास लौट कर आना होगा| तुम्हारे सिवाय मेरा न कोई ठिकाना होगा || भले ही कुछ कह दो,तुम ऊपरी मन से | प्यार करती हो मुझे,मीत बनाना होगा || मैफिल सूनी पड़ी है,लौट कर आना होगा | तुमको तो वह पुराना गीत सुनाना होगा || आऊंगा जब […]

भला है,बुरा है,मेरा पति मेरा सुहाग मेरा ख़िताब तो है भले ही पन्ने पुराने हो, वो मेरे दिल की किताब तो है क्यों निहारु दूर के चाँद को,जब मेरा चाँद मेरे पास है करता है मेरी पूरी तमन्ना,यही मेरे जीवन की आस है ये चंदा तो रोज घटता बढ़ता,कभी छुप […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।