सपनों के हाट

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anupriya

हाट लगा है सपनों का
आ जाओ मुनिया,मुन्ना
बूढ़े बाबा के झोले से
तुम मीठे सपने चुनना

रंग बिरंगे होंगे सपने
चटकीले पंखों वाले
आ जाओ न देर करो
तुम खोल के सारे ताले

इंद्रधनुष के झूले होंगे
आसमान की बाहों में
झरने होंगे जगमग जुगनू
होंगे तेरी राहों में

नींद की पगडंडी पे
धरकर अपने नन्हें पाँव
लोरी तुम्हें सुनाएंगे
बूढ़े बरगद की छांव

सपनों के उड़नखटोले पर
सपनों की चिड़िया गाएगी
सपनों की भाषा में तुमको
किस्से नए सुनाएगी।।

         #अनुप्रिया

matruadmin

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