सनम……

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vinay

हक़ वफा का हम जो जताने लगे,
वो फिर बातों से हमें बहलाने लगे।

हमने समझा सनम तुम को नादां,
तुम हमको हमीं से चुराने लगे।

बिताए न बीते तुम बिन एक पल,
वो घड़ियाँ मिलन की गिनाने लगे।

सनम ये जां भी है तुम पे निसार,
वो शहीदों में हमको गिनाने लगे।

दिल की दस्तक पे हरदम मौजूद से,
दिल ही दिल में हमें वो चाहने लगे।

तसव्वुर में मेरे अक्सर आ करके,
ग़ज़ल मोहब्बत की वो गुनगुनाने लगे।

होंठों पर कहकशां ख़िलने लगी,
जबसे वो मंद-मंद मुस्कुराने लगे।

नाम से उनके धड़कता है दिल-ए-सुधा,
पर वो हमसे मिलने से नज़रें चुराने लगे।

परिचय : विनय पान्डेय मध्यप्रदेश के कटनी में रहते हैं। आपका व्यवसाय पान्डेय ग्रुप आफ कम्पनीज प्राईवेट लि. है। एमबीए की शिक्षा पा चुके श्री पाण्डेय की विशेष रूचि मुक्तक,छंद, ग़ज़ल और हास्य कविता लिखने में है। उपलब्धियों की बात करें तो,कवि सम्मेलन और मुशायरा समूह का सफलतापूर्वक संचालन करते हैं। कई पत्रिका एवं समाचार-पत्र में कविताएँ प्रकाशित होती हैं।

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।