श्री कृष्ण अब इन ………..

0 0
Read Time2 Minute, 32 Second
ankit jain
द्रोपती की ईज्जत बचाई आप ने अब बेटियों की पुकार सुन चले आईये
श्री कृष्ण अब इन बेटियों की ईज्जत बचाने आईये
जिस बेटी को धरती का सबसे पवित्र माना गया
हर कार्य का पहले शुभारंभ जिसके हाथो से किया गया
आज क्यो वह लुट रही क्रुरता भरे बाजार में इस बाजार पर लगाम लगाने चले आईये
श्री कृष्ण अब इन……….
अर्जन को ज्ञान दिया तुमने युद्ध स्थल पर
हुई विजय मनी खुशियां इस विश्व भूमि पर
इन दुराचारियों को सबक सिखाने का लोगों में सन्देश जगाईये
श्री कृष्ण अब इन……….
ये क्या हुआ बेटी तेरे साथ क्रुरता भरा
झलकाती है मां आसू अपने मोतियों की तरह
सोती नही रात भर रोती दुखी वो मां अब रो रही इस मां की पीड़ा को सुनने आईये
श्री कृष्ण अब इन ……….
लुट रही थी  बेटियां जब बीच सड़को पर
कोई नहीं गया ढकने शरीर थोड़े से कपड़ो से
देख रहे थे तमासा लुटटी हुई बेटी का उन लोगों को जानवर से  इन्सा बनाने आईये
श्री कृष्ण अब इन ………
कम न हुआ उस भरी सभा में एक इंच भी कपड़ा
बड़ता ही गया वह तो सबको था अचम्भा
द्रोपटी की प्रार्थना की स्वीकार आप ने अब बेटियों की चीख भरी प्रार्थना सुनने आईये
श्री कृष्ण अब इन ………
कहा गये वो लोग कहां गयी वो मानवता
जहां बेटियों की इज्ज़त लुटते देख इनका जी भी न मचलता
प्रेम को बना लिया अश्लीलता अब तो लोगों ने
अब इन को भी समझाने आईये
नाम-अंकित जैन
साहित्यिक उपनाम-विरागांकित
जन्म स्थान -पथरिया
वर्तमान पता- पथरिया जिला दमोह
राज्य-मध्यप्रदेश
शहर-पथरिया
शिक्षा- बी. ए.(अध्ययनरत)
विधा -गीत/कविता/लेख
अन्य उपलब्धियाँ- संगीत में गाना और बजाना दोनों में ही समाज के चहेता
लेखन का उद्देश्य- मात्र भाषा हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास करना 

Arpan Jain

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मजदूर दिवस .........

Mon Apr 30 , 2018
(मजदूर दिवस पर विशेष) आज फिर हो रही है शहर में ही नही पूरे देश में मात्र औपचारिकता जी हाँ मजदूर दिवस की औपचारिकता । यही तो होता है हर दिवस पर टेंट लगाकर ली जाती हैं सभाएं पहनाई जाती है फूल -मालाएं और किया जाता है गुणगान बताया जाता […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।