चीखो मत

0 0
Read Time46 Second

cropped-cropped-finaltry002-1.png

चीखों मत….
मत चीखो..!
अनसुना कर दिया जायेगा-
हर बेबस चीख को।

अनदेखा कर दिया जायेगा –
झरते आँसुओं को।

चुप रहो!
मचलता है शैतान,
चीख से।

बन जायेगा बाहुबली –
तुम्हारे आँसुओं में भींगकर।

ऊर्जावान बना देगा उन्हें –
तुम्हें निरीह, निरापद चिन्हित करने वाला
प्रत्येक लक्षण।

सुनो!
चीखो मत…
एक काम करो-
हुंकार भरो…. ।
आँखों में  आँसू नहीं
अंगारे लेकर।
प्रार्थना नहीं-
प्रयत्न भी नहीं, अब-
प्रतिरोध करो,

तुम्हारी या –
उनकी,
आखिरी साँस तक।

                                   #राजेन्द्र श्रीवास्तव

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अकेला

Mon Mar 12 , 2018
यूँ रहना जहां में है दुश्कर  अकेले, न अर्थी उठे है न छप्पर अकेले। जो तन्हाइयों से मुहब्बत है कर ली, है लगता नही अब मुझे डर अकेले। समां गुफ्तगू का बनाते चलो जी, जो चलना हो लंबे सफ़र पर अकेले। हमें करके महनत है कल अपना लिखना, न कुछ कर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।