आते नहीं क्यों ?…………

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ranjana
विरद श्याम प्यारे निभाते नहीं क्यों ?
पुकारें स्वजन किन्तु आते नहीं क्यों ?
 
बढ़ाते रहे  चीर  हो  द्रौपदी  की,
यहाँ रोज़ ही नारियाँ लुट रही हैं।
बिना लाज के मारते भ्रूण-कन्या,
बिना बात गायें यहाँ कट रही हैं।
 
तुम्हें गाय-बछड़े हमेशा से प्यारे,
उन्हें मौत से आ बचाते नहीं क्यों ?
 
बढ़ा जा रहा पाप का राज फिर भी,
सुरक्षित नहीं सत्य है आज फिर भी।
सदा निर्बलों को सताया है जाता,
न आती मिटाकर उन्हें लाज फिर भी।
 
गरुण छोड़ धाए बचाने को जग को,
विपद आज उनकी मिटाते नहीं क्यों ?
 
लगी है अदालत यहाँ भक्तजन की,
उमड़ बह चलीं भावनाएँ हैं मन की।
सभी दोष हैं पूछते निज कन्हैया,
रहें कब तलक झेलते पीर तन की ?
 
बदल तुम गए या है बदला ज़माना,
यही तथ्य आकर बताते नहीं क्यों ?

             #डॉ. रंजना वर्मा

परिचय : डॉ. रंजना वर्मा का जन्म १५  जनवरी १९५२ का है और आप फैज़ाबाद(उ.प्र.) के मुगलपुरा(हैदरगंज वार्ड) की मूल निवासी हैंl आप वर्तमान में  पूना के हिन्जेवाड़ी स्थित मरुंजी विलेज( महाराष्ट्र)में आसीन हैंl आप लेखन में नवगीत अधिक रचती हैंl 

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।