मिलन की आस

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sunita upadhyay
प्यार से उसको बुलाना चाहता हूँ।
फिर गले उसको लगाना चाहता हूँll 
प्रेम से मेरे रही अनजान…है वो।
बात सच दिल की बताना चाहता हूँll 
वास्ता मुझसे रखे वो या नहीं फिर।
बस उसे मन में बसाना…चाहता हूँll 
जा रही हो छोड़कर मुझको अगर वो।
रोककर उसको मनाना…चाहता हूँll 
रो रही है मुददतों से वो…जहाँ में।
मैं उसे रोकर हंसाना…चाहता हूँll 
 
फासले सारे मिटा दूँ आज…मैं तो।
साँस से साँसें मिलाना…चाहता हूँll 
सह लिए उसने कई दुख हैं जहाँ में।
दिल नहीं उसका दुखाना चाहता हूँll 
वो करे टुकड़े मेरे उर के…हजारों।
पर नहीं उसको सताना…चाहता हूँll 
 
जुल्फ उसकी मैं सवारूँ अब जतन से।
इक ग़ज़ल उनपे बनाना…चाहता हूँll 
#सुनीता उपाध्याय `असीम`
परिचय : सुनीता उपाध्याय का साहित्यिक उपनाम-‘असीम’ है। आपकी जन्मतिथि- ७ जुलाई १९६८ तथा जन्म स्थान-आगरा है। वर्तमान में सिकन्दरा(आगरा-उत्तर प्रदेश) में निवास है। शिक्षा-एम.ए.(संस्कृत)है। लेखन में विधा-गजल, मुक्तक,कविता,दोहे है। ब्लॉग पर भी लेखन में सक्रिय सुनीता उपाध्याय ‘असीम’ की उपलब्धि-हिन्दी भाषा में  विशेषज्ञता है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिन्दी का प्रसार करना है। 

matruadmin

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