मकर संक्रांति का पर्व

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gulab
14 जनवरी को ये दिन पवित्र पर्व के रूप में पूरे देश में “मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है, ये दिन का भारतीय खगोल, ज्योतिष, भौगोलिक, धार्मिक एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष महत्‍व पूर्ण हे ये जानकारी बहुत कम लोगो के पास हे, उस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है
भारतीया जायोतिष ग्रंथों में मकर संक्रांति के समय के अनुसार नियम दिन, नक्षत्र, योग जेसी चीजो को लक्ष में रखकर देश के भविष्य का फल कथन किया जाता है, मकर संक्रांति अगर सोम के दिन होती है तो, दोहरा, मंगल के दिन होती है तो महोदरी, बुध के दिन होती है तो मंदाकिनी, गुरु के दिन होती है तो नंदा, सुक्र के दिन होती है तो मिश्र और शनि के दिन होती है तो राक्षसी नाम दिया जाता है, ग्रंथों में बताया हे कि, ये दिन तिल का उपयोग विविध स्वरूपों में किया जाना चाहिए, शिवालय में तिल के तेल में दिया जलाना चाहिए, उस दिन सूर्य नारायण को दूध अर्पित करना चाहिए, पतंग चढ़ाने का भी सूर्य का संकेत है, वही सूर्य नारायण हे जिसने पांडवों को वन वास के दौरान अच्छी तरह जीने के लिए अक्षय पात्र दिया था,
तमिल में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है प्रथम दिन में सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, उस दिन को चार दिनका का पौंगल को त्योहार के रूप में मनाया जाता है सूर्य पूजा केन्द्र स्थान पर होती है और मकर संक्रांति के दिन मंत्र, साधना, उपासना, विध्यभ्यास, स्पर्धात्मक प्रवूती, आर्थिक आयोजन, बचत, मूडी निवेश, नवीन धान्य का प्रसाद औषध के लिए वनस्पति की उपार्जन का काम करने का विशेष महत्व है
ये साल 14 जनवरी 2019 के दिन पोष सूद अस्तमी और सोम के दिन भारतीय समय के अनुसार समय 19.50 के समय में सूर्य निरेयान मकर राशि में प्रवेश करता है
उतरायन और मकर संक्रांति मे भिन्नता है उतरायन का अर्थ है सूर्य का सायन मकर राशि में प्रवेश जब कि, मकर संक्रांति का अर्थ है सूर्य का निरेयान मकर राशि में प्रवेश करना, भूतकाल में स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 मकर संक्रांति के दिन हुआ था. अभी 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है लेकिन नजदीकी भविष्य में 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी, 72 से 73 सालो के बाद मकर संक्रांति एक दिन आगे यानी कि 14 के बजाय 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी, मकर संक्रांति मे स्वास्थ्य मे सुधार होता है, सफलता प्राप्त होती है, मकर संक्रांति के दिन राशिवाली व्यक्ति को नीचे दी गई जानकारी के मुताबिक काम करने से लाभ प्राप्त होता है
मेष और वरुषभ राशि सूर्य मंत्र के साथ मंगल मंत्र की एक एक माला जापे,
वरुषभ और तुला राशि वाली व्यक्ति को सूर्य के मंत्र के साथ एक एक माला सुक्र की भी करना होगा,
मिथुन और कन्या राशि वाली व्यक्ति को सूर्य मंत्र के साथ बुध मंत्र की एक एक माला जपना होगा
कर्क राशि वाली व्यक्ति को चंद्र के मंत्र के साथ सूर्य मंत्र की दो दो माला करनी होगी. धनु और मीन राशि वाली व्यक्ति को सूर्य के मंत्र के साथ गुरु का मंत्र सूर्य मंत्र के साथ एक एक माला करनी होगी
मकर और कुंभ राशि वाली व्यक्ति को सूर्य मंत्र के साथ शनि मंत्र की एक एक माला धर्म ग्रंथों के अनुसार करनी चाहिए
मकर संक्रांति के दिन कुत्तो को लड्डू बनाकर खिलाया जाता है, युवा और आदमी लोग पतंग चढ़ाने के लिए छत पर चले जाते हैं और पूरे दिन म्यूज़िक के साथ पतंग चढ़ाते हैं, तिल के व्यंजन खाते हैं, गरीबो को दान दिया जाता है, गौ माता को घास खिलाया जाता है, पतंग के शौखीं न लोग मकर संक्रांति के दूसरे दिन को बासी उतरायन के रूप में मनाकर दूसरे दिन भी पतंग चढ़ाने की अपनी इच्छा पूरी कर लेते हैं!

#गुलाबचन्द पटेल

परिचय : गांधी नगर निवासी गुलाबचन्द पटेल की पहचान कवि,लेखक और अनुवादक के साथ ही गुजरात में नशा मुक्ति अभियान के प्रणेता की भी है। हरि कृपा काव्य संग्रह हिन्दी और गुजराती भाषा में प्रकाशित हुआ है तो,’मौत का मुकाबला’ अनुवादित किया है। आपकी कहानियाँ अनुवादित होने के साथ ही प्रकाशन की प्रक्रिया में है। हिन्दी साहित्य सम्मेलन(प्रयाग)की ओर से हिन्दी साहित्य सम्मेलन में मुंबई,नागपुर और शिलांग में आलेख प्रस्तुत किया है। आपने शिक्षा का माध्यम मातृभाषा एवं राष्ट्रीय विकास में हिन्दी साहित्य की भूमिका विषय पर आलेख भी प्रस्तुत किया है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय(दिल्ली)द्वारा आयोजित हिन्दी नव लेखक शिविरों में दार्जिलिंग,पुणे,केरल,हरिद्वार और हैदराबाद में हिस्सा लिया है। हिन्दी के साथ ही आपका गुजराती लेखन भी जारी है। नशा मुक्ति अभियान के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी दवारा भी आपको सम्मानित किया जा चुका है तो,गुजरात की राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल ने ‘धरती रत्न’ सम्मान दिया है। गुजराती में ‘चलो व्‍यसन मुक्‍त स्कूल एवं कॉलेज का निर्माण करें’ सहित व्‍यसन मुक्ति के लिए काफी लिखा है।

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