मातृत्व का वरदान

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gayatri choudhari

जग को निहारने का सौभाग्य मिला,

मातृत्व का जब वरदान मिला।
ईश्वर जैसा मुझे सहारा मिला,
जब माँ की ममता का आसरा मिला।
आँचल में छुपकर भूख-प्यास सब मिटी,
माँ का जब मुझे दुलार मिला।
सबकी बुरी नजरों से मुझे बचाती,
माँ से ही मुझे अपनापन मिला।
सुकून से सो जाती मैं तब,
संगीत का मधुर जब उससे गान मिला।
माँ ने असंख्य दर्द सहे तब,
जब जीवन मुझे खुशहाल मिला।
कोख में अपनी पाला-पोसा,
मुझको तब जीवनदान मिला।
माँ के अनेक उपकार मुझ पर,
कभी ऋण न चुका सकूं इतना ख्याल मिला।
माँ के कदमों में जीवन वार जाऊं,
इसकी सेवा में ही मुझे स्वर्ग मिला॥

#गायत्री चौधरी

परिचय : गायत्री चौधरी को लेखन का काफी शौक हैl इनका साहित्यिक उपनाम-सोनू जैन हैl जन्मतिथि-१० दिसम्बर १९८३ तथा जन्म स्थान-सिवनी(मध्यप्रदेश)हैl वर्तमान में मन्दसौर में निवासरत हैंl आपकी शिक्षा-एम.ए.(राजनीति) और कार्यक्षेत्र-सहायक अध्यापक हैl सामाजिक क्षेत्र में सोनू जैन शिक्षा की जागृति के लिए कार्यरत होने के साथ ही समाज के मंडल की सदस्या भी हैंl लेखन में आपकी विधा-कविता,ग़ज़ल,संस्मरण एवं लेख हैl सम्मान में आपको साहित्य चेतना पुरस्कार मिला हैl उपलब्धि में आपके खाते में गायन,खेल,चित्रकारी और रक्तदान करना हैl आपके लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरुकता,महिला-बालिका शिक्षा को बढ़ाना,अधिकार,राष्ट्रभक्ति सहित सेना का हौंसला भी बढ़ाना हैंl

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