नव वर्ष का उपहार

0 0
Read Time2 Minute, 4 Second
YASHPAL NIRMAL
तुम,
अपनी
उदास
काली अंधेरी
रातें
मुझे दे दो।
अपने
सभी
दुख
दर्द
आंसू
अकेलापन
उदासियां
सब मुझे दे दो॥
सर्दी,
गर्मी
पतझड़
आंधी
तूफ़ान
भी
मुझे दे दो।
और,
ले लो
मेरे हिस्से की
धूप
बसंत
हंसी
खुशियां।
इस नव वर्ष के
उपलक्ष्य पर,
मैं
ले लेना चाहता हूँ।
तुम्हारी ज़िंदगी के सभी
दुख
तकलीफ़ें
कांटे,
और
उपहार में
तुम्हें
देना चाहता हूँ
रंग-बिरंगें
फूलों से सजा
महकता
बसंत॥

#यशपाल निर्मल

परिचय:श्री यशपाल का साहित्यिक उपनाम- यशपाल निर्मल है। आपकी जन्मतिथि-१५ अप्रैल १९७७ और जन्म स्थान-ज्यौड़ियां (जम्मू) है। वर्तमान में ज्यौड़ियां के गढ़ी बिशना(अखनूर,जम्मू) में बसे हुए हैं। जम्मू कश्मीर राज्य से रिश्ता रखने वाले यशपाल निर्मल की शिक्षा-एम.ए. तथा एम.फिल. है। इनका कार्यक्षेत्र-सहायक सम्पादक (जम्मू कश्मीर एकेडमी आफ आर्ट,कल्चरल एंड लैंग्वेजिज, जम्मू)का है। सामाजिक क्षेत्र में आप कई साहित्यक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थाओं में सक्रिय रुप से भागीदार हैं। लेखन में विधा- लेख,कविता,कहानी एवं अनुवाद है। आपकी रचनाओं का प्रकाशन विविध माध्यमों में हुआ है। सम्मान की बात करें तो साहित्य अकादमी का वर्ष २०१५ का अनुवाद पुरस्कार आपको मिला है। ब्लॉग पर भी सक्रिय यशपाल निर्मल को
कई अन्य संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया गया है। आपके लेखन का उद्देश्य- समाज में मानवता का संचार करना है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

तड़प

Thu Jan 4 , 2018
तड़प रही हूँ आज भी, बयालीस साल पहले जो थी वही तड़प आज भी है। तब रो रही थी, गिड़गिड़ा रही थी हर जगह कभी मंदिर के द्वार कभी गिरजा,मस्जिद,गुरुद्वारा… और कभी एक से बढ़कर एक चिकित्सक के पास,पति के समक्ष सिर्फ एक बच्चा दें… मैं भी मुक्त रहूँ, बाँझ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।