बुलबुल(लघु फ़िल्म)

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इन्दौर।मुम्बई पहुँचते ही खास दोस्तों का जमावड़ा हुआ और लघु फ़िल्म ‘बुलबुल’ देखने के लिए संजय शेष ने कहा। फ़िल्म देखी तो उसके बारे में लिखे बिना नहीं रहा गया। यह फिल्म महज २५ मिनट की है,लेकिन साजो-सामान और बजट किसी आम फ़िल्म से कम नहीं है।
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स्थलों से लेकर कैमरा,सेट,कलाकार और संगीत आदि सभी पर पूरी ईमानदारी और शिद्दत से काम किया गया है। निर्माता-निर्देशक-कलाकार दिव्या कुमार घोसला की अदाकारी ने वाकई प्रभावित किया है। एक नृत्यांगना अपने प्यार को पाने के लिए क्या-क्या जतन करती है,यह फिल्म उस पर आधारित है।
फ़िल्म हॉलीवुड फिल्म ‘फिफ्टी फर्स्ट डेट’ की भी याद ताजा करती है। इस
फ़िल्म को लिखा है कुंदन शाह (जाने भी दो यारों) ने,जो अब दुनिया में नहीं रहे,  फ़िल्म उनको आदरांजलि मानी जाएगी।
आशीष पांडे के सधे हुए निर्देशन में फ़िल्म कमाल की बनी है। इसमें संवाद न के बराबर है,लेकिन बुलबुल का किरदार न केवल चुनौतीपूर्ण है,साथ ही जीने की चाह जगाता है,जो दिव्या ने निभाया है।  साथ में शिव पण्डित,एली अवराम मुख्य भूमिका में हैं।
यह फ़िल्म टी-सीरिज के यू ट्यूब चैनल पर दिसम्बर में ही प्रदर्शित की गई है, जहाँ इसकी दर्शक संख्या देखते ही बन रही है। इस छोटी फ़िल्म में गाना-‘तेरे बिन ओ साँझना’ भी है,जो दिल को छू जाता है।
इस फ़िल्म का पहले ट्रेलर,फिर गाना और उसके बाद प्रदर्शन किया गया है।
कहानी बुलबुल नाम की लड़की के इर्द- गिर्द घूमती है। बुलबुल बहुत चंचल तथा बिंदास है। वह अपने प्यार को पाने-लुभाने के लिए तरह-तरह के जतन करती है। फ़िल्म शुद्ध हास्य फ़िल्म है।
अपने प्यार को पाने,लुभाने में
क्या वह सफल हो पाती है,इसके जवाब के लिए आपको लघु फ़िल्म ‘बुलबुल’ देखना ही पड़ेगी।
दिव्या इसके पहले निर्देशन में जौहर दिखा चुकी है। फ़िल्म ‘यारियां’ और ‘सनम रे’ के पहले वह २००४ में अक्षय कुमार के साथ ‘अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों’ में भी अभिनय भी कर चुकी है
फ़िल्म निहायत शिद्दत से बनाते हुए  शिमला के खूबसूरत स्थानों में शूट की गई है, जो यूट्यूब पर देखी जा सकती है।

                                         #इदरीस खत्री

परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| इनका परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।

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