राजस्थान के पादप से एक
कली खिली थी पदमावती, सूरत के साथ सीरत से धनी थी ये सतीl
एक चाँद के साथ संयम
पालती थी ये व्रती, कोई अल्लाउद्दीन, भ्रष्ट नहीं कर पाया उसकी मतिl
इस सती को नहीं जीत पाया कोई ताकतवर रती, क्या एक भंसाली लिख पाएगा इस सती की नियतिl
पदमिनी में छिपे पदम की
भी कीचड़ में होती है कृति, मत खेलो इतिहास से मेरे पदमिनी तो है एक सतीl नमन करती है ये आरतीl
ऐसी हर पदमिनी को
परिचय: आरती जैन राजस्थान राज्य के डूंगरपुर में रहती है। आपने अंग्रेजी साहित्य में एमए और बीएड भी किया हुआ है। लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई दूर करना है।