हायकू
उदास शाम..
गमगीन हवाएं
तन्हा मौसम।
गहरे पल,
अधूरा एक ख़्वाब.
सांसें बोझिल।
सुहानी याद,
बैचेन-सा मौसम..
भीगे हम।
बिखरे रंग,
लहराता है आंचल..
हँसे आँगन।
#आभा चन्द्रा
परिचय : वर्तमान में लखनऊ में विद्यालय में कार्यरत आभा चन्द्रा की सम्प्रति स्वतन्त्र लेखन से है। आपकी लेखन विधा में गीत,ग़जल, कविता,लघुकथा, लेख तथा छंदमुक्त काव्य है। लेखन की दुनिया में आपकी पसंद और सक्रियता यही है कि, ‘अहसास एक पल’, ‘दीपशिखा’, ‘शब्द गंगा’,’शब्द अनुराग’, ‘भारत की प्रतिभाशाली हिन्दी कवियित्रियां’, ‘शब्दों के रंग’,’महकते अल्फाज़’, ‘सत्यम प्रभात’,’वर्ण पिरामिड’,’शत हायकूकार शब्दों का प्याला (सांझा संग्रह)’,’बूंद-बूंद सागर’ तथा ‘अपने-अपने क्षितिज’ (लघुकथा सांझा संग्रह) प्रकाशित हो चुके हैं। विविध समाचार-पत्रों व पत्रिकाओं में भी आपकी रचनाएं निरंतर बनी हुई हैं। लेखनी कार्य के लिए आपको नारी गौरव सम्मान, दो बार काव्य गौरव सम्मान,संपूर्ण व्यक्तित्व व कृतित्व के लिए दीपशिखा सम्मान एवं अमृत सम्मान हासिल हुआ है।