दीपक

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indrapal
देह दीपक बनी प्राण बाती हुए,
द्वार पर हे प्रिये तुम सजा लो मुझे।
बुझ न जाऊँ कहीं,ग़म के तूफान से,
अपने आँचल से ढंक लो छुपा लो मुझे॥
है सुखों का उजाला अभी भाग्य में,
बात मुझको बतानी है संसार को…
ये मुहब्बत अगर मुझको मिलती रहे,
दूर कर दूँगा मैं दुःख के अँधियार को…
साँस की लौ मिरी जगमगाती रहे,
आप इक बार दिल से लगा लो मुझे।
देह दीपक बनी प्राण….॥
बस अँधेरे रहे हमसफर उम्र भर,
राह इनको सदा ही दिखाता रहा…
एक दिन हम मिलेंगें, इसी आस में,
मैं स्वयं को विरह में जलाता रहा…
आँधियों से कभी हार मानी नहीं,
आँसूओं से मगर तुम बचा लो मुझे।
देह दीपक बनी प्राण….॥
चाँद तारे निशा में कहीं छुप गए,
रात सूरज निकलने पे प्रतिबंध है…
इसलिए आज तक रात-दिन मैं जला,
प्रीति का रीति से एक अनुबंध है…
हो पराजित न अब प्रीति पावन प्रिये,
पास आ जाओ तुम या बुला लो मुझे।
देह दीपक बनी प्राण….॥

                                                              #इन्द्रपाल सिंह

परिचय : इन्द्रपाल सिंह पिता मेम्बर सिंह दिगरौता(आगरा,उत्तर प्रदेश) में निवास करते हैं। 1992 में जन्मे श्री सिंह ने परास्नातक की शिक्षा पाई है। अब तक प्रकाशित पुस्तकों में ‘शब्दों के रंग’ और ‘सत्यम प्रभात( साझा काव्य संग्रह)’ प्रमुख हैं।म.प्र. में आप पुलिस विभाग में हैं।

matruadmin

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One thought on “दीपक

  1. बहुत खूब, भावों की सुंदर अभिव्यक्ति,

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।