कहाँ भागकर जाओगे…

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rameshwar
जब ऊँच-नीच का भेद रहा हो,
सुनती सत्ता,चापलूसों का कहा हो
पक्षपात की नीति बनी हो,
व्यवस्थाएं भ्रष्टाचार से सनी हो,
अब भी झूठा भाषण प्रधान रहा
जो था शोषित-वंचित कल,
वो वैसा ही आज रहा
बोलो तुम कब तक यूँ ही,
स्वप्न शीश महल का दिखलाओगे।
बोलो कुछ तो, कारण बतलाओगे?
कहते जिसे तुम प्राणदाता,
लटका फंदे में, कारण बतलाओगे?
कहते जिन बेटियों को चिरैया,
सहमी चुप बैठी है, कारण बतलाओगे?
भविष्य कहलाए थे जो बच्चे,
बने निवाला भूख के,कारण बतलाओगे?
अब डिगा विश्वास कण-कण,
हुए बहुत छल-प्रपंच तुम्हारे
अब दौड़ी है जनता ओर तुम्हारी,
क्यों भाग रहे हो,कारण बतलाओगे?
अच्छा भागो! हम भी आते पीछे-पीछे,
देखें तो सही कहाँ भागकर जाओगे॥
                                                                 #रामेश्वर मिश्र
परिचय: रामेश्वर मिश्र वर्तमान में भदोही(उत्तर प्रदेश) में बसे हुए हैं। फिलहाल अभियांत्रिकी के छात्र हैं। कविताएं, कहानी इत्यादि पढ़ना-लिखना आपकी पसंद है।

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