अजब-गज़ब-सी सोशल दुनिया…

0 0
Read Time58 Second

shashank-sharma1

रचनात्मकता,खत्म हुई शायद,

नकलों का जहाँ,बोलबाला है।

झूठे लोगों की,जय-जयकार,
सच्चे का मुँह यहाँ काला है।

पंगु जहाँ,चढ़ने लगे पहाड़,
सज्जन के,मुहँ पर ताला है।

जहाँ बैठे भोले,बने सियार
समझो,कुछ गड़बड़ झाला है।

जहाँ जीते, हारे बैठे हैं,
हारों के गले,विजयमाला है।

समझ की बहती,नदी नहीं,
समझो,अज्ञान का नाला है।

जहाँ छदम्,प्रसिद्धि पाने को,
बुना बहुत,महीन एक जाला है।

रुको मत ‘उपद्रवी’,बढ़ जाओ,
षड़यंत्र,बहुत ही आला है।

 # शशांक दुबे,छिंदवाड़ा

लेखक परिचय : शशांक दुबे पेशे से उप अभियंता (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना), छिंदवाड़ा ( मध्यप्रदेश) में पदस्थ हैं| साथ ही विगत वर्षों से कविता लेखन में भी सक्रिय हैं |

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आग जलती रहे,फिल्म वालों की तिजोरी भरती रहे

Tue Feb 7 , 2017
अब स्वर्ग सिधार चुके एक ऐसे जनप्रतिनिधि को जानता हूं,जो युवावस्था में किसी तरह जनता द्वारा चुन लिए गए तो मृत्युपर्यंत अपने पद पर कायम रहे। इसकी वजह उनकी लोकप्रियता व जनसमर्थन नहीं,बल्कि एक अभूतपूर्व तिकड़म थी। इसमें उनके परिवार के कुछ सदस्य शामिल होते थे। दरअसल उन साहब ने […]
tarkesh ojha

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।