बस चलते रहो

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l r seju
डगर-सी है जिंदगी
बस चलते रहो,
कभी अकेले
कभी साथियों का साथ,
पर अधिकतर अकेले
जहां साँझ हुई
वहां विश्राम।
फिर से चल निकलना है
एक नई किरण के साथ,
बस चलते रहो॥
कभी अपनों से लड़ना होता
कभी परायों से,
पर खुद से जयादा लड़ना होता है
जहां थक गए
वहां आराम।
फिर से चल निकलना है
एक नई ऊर्जा के साथ,
बस चलते रहो॥
कभी सफलता मिलती है
कभी असफलता,
पर असफलता जल्दी मिलती है
जहां हार गए,
वहां थम गए।
फिर से चल निकलना है
एक नए सबक के साथ,
बस चलते रहो॥
मौसम बदला
चेहरा बदला,
बचपन से जवानी
जवानी से बुढ़ापा,
जहां सांसें थमी
वहां धरा में समा गए,
डगर-सी है जिंदगी
बस चलते रहो॥
                                                              #एल.आर. सेजू
परिचय : एल.आर. सेजू थोब राजस्थान की तहसील ओसिया(जिला जोधपुर) में रहते हैं।आपको हिन्दी लेखन का शौक है। अधिकतर लेख लिखते हैं।

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