बड़ी डिग्रीडॉ

0 0
Read Time2 Minute, 30 Second

archana dube

बड़ी –बड़ी डिग्री को लेकर युवक
रिक्शा खींचे बीच बाजार में
अनपढ़ नेता दौरे पर है
महंगे – महंगे कार में ।
बी.ए., एम.ए., बी.एड., एम.एड.,
का कोई अब है जोर नहीं
चाहे युवक करे पीएच-डी.
शिक्षक के वे योग्य नहीं ।
सरकारी नौकरी के लिए
दर – दर पर देना साक्षात्कार है
नेता को दस्तखत नहीं आये
फिर भी मालामाल है ।
सरकारी बंगले में रहते
मिलता ड्राइवर और कार है
डिग्रीधारी दर – दर भटके
कैसी ये सरकार है ।
एम.बी.ए.की डिग्री ले युवक
भजियां छानेगें बाजार में
जिसने शिक्षा का मरम न जाना
देश का वो ही आधार है।
सब सरकारी सुविधा उनको
लाल बत्ती की शान है
पुलिस, दरोगा, डी.एम., एस.पी
सुरक्षा में परेशान है ।
कैसे होगा देश का भला
शिक्षा का नहीं मान है
मेहनत से युवक करे पढ़ाई
क्यों हो रहा उनका तिरस्कार है ।
सरकारी में काम न मिलता
प्राइवेट में भरमार है
जिसका ज्यादा पहुँच है रहता
उसका ही सरकार है ।

परिचय-

नाम  -डॉ. अर्चना दुबे

मुम्बई(महाराष्ट्र)

जन्म स्थान  –   जिला- जौनपुर (उत्तर प्रदेश)

शिक्षा –  एम.ए., पीएच-डी.

कार्यक्षेत्र  –  स्वच्छंद  लेखनकार्य

लेखन विधा  –  गीत, गज़ल, लेख, कहाँनी, लघुकथा, कविता, समीक्षा आदि विधा पर ।

कोई प्रकाशन  संग्रह / किताब  –  दो साझा काव्य संग्रह ।

रचना प्रकाशन  –  मेट्रो दिनांक हिंदी साप्ताहिक अखबार (मुम्बई ) से  मार्च 2018 से ( सह सम्पादक ) का कार्य ।

  • काव्य स्पंदन पत्रिका साप्ताहिक (दिल्ली) प्रति सप्ताह कविता, गज़ल प्रकाशित ।

  • कई हिंदी अखबार और पत्रिकाओं में लेख, कहाँनी, कविता, गज़ल, लघुकथा, समीक्षा प्रकाशित ।

  • दर्जनों से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रपत्र वाचन ।

  • अंर्तराष्ट्रीय पत्रिका में 4 लेख प्रकाशित ।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

प्यार के बारे में सोच सकते हैं

Tue Jan 8 , 2019
प्यार नहीं कर सकते हैं तो प्यार के बारे में सोच सकते हैं, साथ-साथ नहीं चल सकते हैं तो साथ के बारे में सोच सकते हैं, उड़ नहीं सकते हैं तो उड़ान के बारे में सोच सकते हैं। तालियां न सुनायी दें तालियों के बारे में जान तो सकते हैं, […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।