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धुलेंगे पाप क्या शाही स्नान से ?
बात करते हो बिलकुल नादान से ।
मोह,माया ,छल ,कपट,लोभ,हिंसा
छूट पायेगा क्या आज इन्सान से ।
बचाना होगा खुद से ही खुद को
नहीं आयेंगे फरिश्तें आसमान से ।
बेहद मुश्किल है जान लो दोस्तों
लड़ना अपने अन्दर के शैतान से ।
लाख़ कर लो इन्तज़ाम रुकने का
तय है सबका जाना इस जहान से ।
#अजय प्रसादनालंदा(बिहार )
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