मोनालिसा की हँसी……

1
0 0
Read Time1 Minute, 25 Second

swap

किसने देखी है,
मोनालिसा की हँसी…
शायद चित्रकार ने,
या तुमने या हमने..
शायद किसी ने नहीं|
गाँव की पगडंडी पर,
पहाड़ों और खेतों की मेढ़ पर
बकरियाँ चराती थावरी की हँसी,
भुला देती है मोनालिसा को|
लेकिन तब वहाँ न
चित्रकार होता है,
न फोटोग्राफर
होती है सिर्फ़ प्रकृति की उन्मुक्त हँसी |
जो प्रकृति के साथ
खिलखिलाती है
और तब…
बकरियों का मिमियाना,
थावरी का हँसना,
सब हो जाता है एकाकार ,
यही है हरियाली प्रकृति का शानदार उपहार |

 #स्वप्निल शर्मा

लेखक परिचय : पत्रकारिता व लेखन के पेशे में सक्रिय मनावर(म.प्र.) निवासी स्वप्निल शर्मा के अब तक पाँच काव्य संग्रह आ चुके हैं| स्नातकोत्तर तक शिक्षित श्री शर्मा को २०१६ में राँची में अखिल भारतीय अंबिका प्रसाद दिव्य कविता पुरस्कार तथा स्पेनिन साहित्य गौरव से सम्मानित किया गया है| इनकी रचनाओं में देश की समस्या, राजनीति और प्रकृति का तालमेल झलकता है|

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

One thought on “मोनालिसा की हँसी……

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

कहीं बहुत देर न हो जाए!

Mon Jan 30 , 2017
यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक / लेखकों का है, मातृभाषा.कॉम का नहीं। दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के बहाने ही सही एक ऐसी बहस तो शुरु हुई,जिसे बहुत पहले […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।