बड़ा बावरा है वो…

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pushpendra sinh
अन्जानों के साए में अपनों को खोजता है,
बड़ा बावरा है वो जो इस कदर सोचता है।
कौन कहता है गिरते नहीं जाँबाज जंग-ए-मैदान में,
उसे क्या पता जो मैदान छोड़ स्थान ढूँढता है।
लड़खड़ाया-सा क्यों है दौरे-ए-जूनून में,
मन्जिल बाकी है अभी वो, नई राह ढूँढता है।
रिश्तों की कलाबाजी है मतलब के दौर में,
जिस्म के बाजार में इंसानियत ढूंढता है।
वो कालिख जो पुती दाग़ के निशां बाकी है,
वहम के घेरे से सफ़ा दूधी पोशाक ढूँढता है।
रूह को मारकर लाश लिए फिरता है,
अहम को जिन्दा रखकर दोस्त ढूँढता है।
गफ़लत से बाहर आ ‘नादान’, किरण बाकी है,
किरण से मुँह फेरकर उजाला कहाँ ढूँढता है।
अन्जानों के साये में अपनों को खोजता है,
बड़ा बावरा है वो जो इस कदर सोचता है॥
                                                                   #पुष्पेन्द्र सिंह मलिक ‘नादान’
परिचय: पुष्पेन्द्र सिंह मलिक ‘नादान’ की जन्मतिथि -१२ अक्टूबर १९७६ है। आप उत्तर प्रदेश के शहर मेरठ में बसे हुए हैं,जबकि जन्म स्थान-दिल्ली है। शिक्षा में परास्नातक (इतिहास) सहित आईटीआई(इलैक्ट्रिशियन) तथा रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन से जनरल फायर फाईटिंग कोर्स कर चुके हैं,इसलिए कार्यक्षेत्र सेना की अग्निशमन शाखा(फायरमैन) है। आप किसी विशेष विधा की अपेक्षा मन में जो भाव आया,उसे ही लिखते हैं। लेखन का उद्देश्य आत्म सन्तुष्टि ही है। आप ब्लॉग पर भी लिखते रहते हैं।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।