मैं हूँ रखवाला

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prabhat dube
माँ हूँ मैं तेरी धरती का,
मैं हूँ तेरा रखवाला।
आज नहीं हूँ सोती ज्योति,
आज हूँ धधकती ज्वाला।
माँ हूँ मैं तेरी धरती का,
मैं हूँ तेरा रखवाला।
कोई तेरे ऊपर आँख उठाए,
ये तो मुझे बर्दाश्त नहीं माँ।
जिंदगी मेरी खास है मगर,
तेरे लिए मर मिटने पर,
कोई हास नहीं माँ।
लोगों का यार मगर,
दुश्मनों से कोई प्यार नहीं माँ।
तेरे गोद में पला-बढ़ा हूँ,
तू तो मेरी जान है माँ।
मुझे प्रभु दर्शन नहीं चाहिए,
तू ही तो मेरी भगवान है माँ।
तेरी ममता को दिल में,
मैं तो सँजोकर रखता हूँ माँ।
तेरे लिए मैं गला रेत दूँ,
या खुद का गला चढ़ा दूँ माँ।
माँ हूँ मैं तेरी धरती का,
मैं हूँ तेरा रखवाला,
आज नहीं हूँ सोती ज्योति,
आज हूँ धधकती ज्वाला॥
                                                                           #प्रभात कुमार दुबे 

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