Read Time43 Second

वह दृश्य भी अद्भुत होगा, हम जन्माष्टमी मनाएंगे,
कान्हा अपनी बाँसुरी पर,वन्दे मातरम सुनाएंगे।
कल्पना मात्रा से ही मन झूम जाएगा,
रास रचैया इस आज़ादी उत्सव में राष्ट्र ध्वज फहराएगा।
स्वतंत्रता का जश्न जब मनेगा चारों ओर,
दही हांडी का भी मचेगा हर जगह शोर।
आओ सब मिलकर खुशियां मनाएं,
देश-भक्ति के रंग में कृष्ण रंग मिलाएं।
अमर शहीदों की धरोहर है ये आज़ादी,
कृष्ण के कर्मयोग से सार्थक इसे बनाएं॥
#कैलाश भावसार
Post Views:
515