आंखें भर आई

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अमरनाथ यात्रियों  की  मौत पर आंसू बहाऊं,
या झुलसते बंगाल की दास्तान पहले सुनाऊं।
बढ़ती महंगाई,भूख से बिलखतों को सहलाऊं,
या अन्नदाता  की तबाही का मंजर तुम्हें दिखाऊं॥
आपस में  बंटते भाई-भाई की दास्तान सुनाऊं,
या तार-तार होते सुनहरे सपनों का सच बताऊं।
रहनुमा की रहनुमाई पर झर-झर आंसू बहाऊं,
या आम आदमी की फूटी किस्मत तुम्हें दिखाऊं॥
अच्छे दिनों  के आने की खुशी में  झूमूं नाचूं  गाऊं,
या महंगी दाल-सब्जी,सस्ते इंसान के गुण गाऊं।
किसान मजदूर व्यापारी दवा विक्रेता को सच मानूं,
या नित नए फरमान की  सच्चाई  से दिल बहलाऊं॥
ये भी दुखी,वो भी दुखी,जब सब ही दुखी दिखते हों,
तो दुखियारों की भीड़  में  सुख तलाशने मैं कहां जाऊं।
नाइंसाफी होगी गर समुद्र छोड़ कतरे पर आंसू बहाऊं,
पूरी तस्वीर से नजर फेर उसका एक टुकड़ा ही दिखाऊं॥
दोष किसे दूं खुद को या उसे जिसने ये हालत दिखाई,
सच तो ये है कि ये भी है आधा फसाना।
आधी सच्चाई टुकड़ों में बाँटकर मैं हालात को नहीं देख सकता
मेरे सामने सात नहीं सारी मौतों की तस्वीर उभर आई॥
तुम्हारे कहने पर मैंने अपना मौन तोड़ तो  दिया,
लेकिन देख सच्चाई  बिन बारिश  आंखे भर आई॥

                                                               #डॉ. देवेन्द्र  जोशी

परिचय : डाॅ.देवेन्द्र जोशी गत 38 वर्षों से हिन्दी पत्रकार के साथ ही कविता, लेख,व्यंग्य और रिपोर्ताज आदि लिखने में सक्रिय हैं। कुछ पुस्तकें भी प्रकाशित हुई है। लोकप्रिय हिन्दी लेखन इनका प्रिय शौक है। आप उज्जैन(मध्यप्रदेश ) में रहते हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।