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‘जीएसटी’ का मतलब समझो,
समझ भी लो कर्तव्य हमारा।
व्यापारियों चिंता मत करना,
जन-जन से कर देश हमारा॥
न छूट जाए कोई भी हमारा,
भारत वर्ष है सबको प्यारा।
चलो बढ़ाओ हाथ मिलकर,
यही राष्ट्र का उत्तम नारा॥
मजबूत बनाओ भारत प्यारा,
हो दुनिया में सबसे न्यारा।
अमीर-गरीब सभी कर देना,
सामान खरीदो बिल से सारा॥
खत्म हो भ्रष्टाचार ये सारा,
भारत हमको जान से प्यारा।
जैन सुरेन्द्र सच कहे ये न्यारा,
आओ बनाएं हम भारत प्यारा॥
#सुरेन्द्र जैन
परिचय: शौक से लिखने वाले सुरेन्द्र जैन(बाड़ी वाले)छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तहसील धरसींवा में रहते हैं। आप पत्रकारिता से जुड़े हैं और अच्छे काम के लिए सम्मान भी पाया है। यहां के पत्रकार संघ से जुड़े श्री जैन सामाजिक अव्यवस्थाओं और कई तात्कालिक विषय पर लेखन करते हैं।
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Thu Jul 6 , 2017
कभी शोक कभी हर्ष है, जीवन तो संघर्ष है। नाते-रिश्ते झूठे सारे, बिन मुद्रा सब व्यर्थ है। जाति,धर्म,संन्यास,गृहस्थी, कामवासना मोह मद। अपनी-अपनी सबकी तिकड़म, अलग सभी के अर्थ हैं। राजनीति की लुटिया लेकर, […]