ये तेरा…

0 0
Read Time1 Minute, 21 Second
deepmala
जो  संग  तेरे  चल  रहा
                          तेरा  ही  चुनाव  है |
हार  तेरी , जीत  तेरी
                         तेरा  ही  दाव  है |
मिली तड़पति  धूप है
                       जो  चाहता  तू  छांव  है |
जो  दर्द तुझको हो रहा
                       हृदय का वो  घाव है|
भ्रम  जाल  में  फंसा है
                      Gyan का  अभाव  है |
गर्त  में समां  रहा
                      तेरा ही  वो  गाँव  है |
बरस  रहा  कहाँ  है  तू
मात्र  एक  गरजना
                      ये तेरा  एक  ताव  है |
संभाल  जा  जरा  उसे
जो  डगमगा रही  है
                      तेरी  ही  वो  नाव  है |
नेत्र  अपने  खोल  कर ,agyanta को छोड़कर |
भ्रम  जाल  तोड़कर , तू  जान  पाया  अगर |
मात्र  तू  सीढ़ी  नही , जलता  हुआ  अलाव  है |
धर्म  तो  निकल  चला  , जो  जला  अधर्मी  का  वो  पाँव  है |
आम  जन  नही  है  तू
तू  तो  एक  शक्ती  है |
                     मात्र  इतना  सा तो  भाव  है |
नाम-दीपमाला
पता-दतिया(मध्यप्रदेश)
शिक्षा-डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनयरिंग
विधा-कविता, गीत, मुक्तक
मुझे श्रीमती स्वेता जायसवाल जी के द्वारा आपके बारे में पता चला।
उद्देश्य-खुद को पाना
कार्य क्षेत्र-गृहिणी
शीर्षक-सम्मान

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

निबंध को जीवंतता प्रदान करता है पंकज त्रिवेदी का संग्रह - मन कितना वीतरागी

Sat Jun 23 , 2018
अहिन्दी भाषी क्षेत्र गुजरात के सुरेंद्र नगर में यदि किसी साहित्यकार और सम्पादक का नाम ससम्मान और प्रमुखता से लिया जाता है तो वे हैं – श्री पंकज त्रिवेदी जी । वे गुजराती बहुल क्षेत्र में हिन्दी का परचम लहराते हुए हिन्दी साहित्य की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।