सृजन विविधा में गीत, गजल, कथा कविता की बही त्रिवेणी

0 0
Read Time1 Minute, 59 Second

इन्दौर। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति के साप्ताहिक आयोजन सृजन विविधा का आयोजन शुक्रवार को सम्पन्न हुआ।
इक जमीं पर आसमानी इश्क खुशबुओं की राजधानी इश्क इस बार सृजनविविधा की शुरुआत करते हुए शीतल देवयानी ने यह खूबसूरत गजल पढ़ कर कार्यक्रम को खुशनुमा बना दिया। कीर्ति मेहता ने भी “प्रेम के धागे बुने जो तुम पिया चटका गए” कुहासा शीर्षक से गीत पढ कर कार्यक्रम को बड़ी खूबसूरती से आगे बढ़ाया। दिलीप नीमा ने व्यंग्य” रचना छपी ,बढ़िया,काय पै लिखी है”। दिनेश तिवारी “उपवन” ने “मेरी जिंदगी पराई धरोहर सी है…” दार्शनिक रचना पढ़ी ,शीला चंदन ने “तू इंसान है तो बस इंसान बनकर देख..” संजय तराणेकर ने “द्रौपदी तुझे तो कोई छू नहीं सकता”जैसी अलग तेवर की भावपूर्ण रचनाएँ पढ़ीं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के अध्यक्ष डॉ.अर्पण जैन ‘अविचल’ ने रचनाओं की समीक्षा की और निमाड़ी कविता सुनाई। डॉ. आरती दुबे ने निमाड़ी संजा गीत सुनाया। किशोर यादव, मदन लाल अग्रवाल, अरविंद जोशी, संजय मोठ ने भी रचनाएँ सुनाईं। कार्यक्रम में प्रकाश जैन, विजय खंडेलवाल, अमर सिंह आदि बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन समिति की साहित्य मंत्री डॉ. पद्मासिंह ने किया और अंत में आभार अर्थ मंत्री राजेश शर्मा ने व्यक्त किया।

matruadmin

Next Post

तेलांगना में मना हिन्दी महोत्सव 2024

Sun Sep 22 , 2024
नागर कर्नूल। मातृभाषा उन्नयन संस्थान तेलंगाना इकाई की‌ ओर से राज्य के विविध जिलों में “हिंदी महोत्सव” कार्यक्रम मनाया गया है। इसी क्रम में तेलंगाना प्रदेश के नागर कर्नूल जिले में तेलंगाना इकाई के प्रदेश सचिव कमलेकर नागेश्वर राव “कमल” जी के अध्यक्षता में सफल आयोजन किया गया है । […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।