
लेखक के अंतर्द्वंद्व को दिखाती “खिड़की”
मातृभाषा उन्नयन संस्थान और इन्दौर प्रेस क्लब ने अनवरत थिएटर के साथ किया आयोजन
इंदौर | मातृभाषा उन्नयन संस्थान व इन्दौर प्रेस क्लब के तत्त्वावधान में अनवरत थिएटर समूह द्वारा हिन्दी दिवस पर प्रेस क्लब सभागार में नाटक ‘खिड़की’ का मंचन हुआ।
नाटक ‘खिड़की’ विकास बाहरी द्वारा लिखित एवं नीतेश उपाध्याय द्वारा निर्देशित है, जिसका मंचन अनवरत थिएटर ग्रुप ने हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में किया।
कहानी एक लेखक (हर्ष बांगर) के पड़ोस में रहने वाली लड़की वैदिका (गीतांजलि पाठक) के इर्द-गिर्द घूमती है। एक खिड़की के रूपक के माध्यम से, नाटक पात्रों के विभिन्न दृष्टिकोणों और भावनाओं की पड़ताल करता है। यह नाटक लेखक के बारे में बताता है सपने, आकांक्षाएं, संघर्ष और एक-दूसरे के साथ संबंध। खिड़की इन व्यक्तियों की आंतरिक दुनिया के लिए एक प्रतीकात्मक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करती है, जो उनकी ख़ुशियों, दुखों और उनके रिश्तों की जटिलताओं की झलक प्रदान करती है। नाटक अंततः मानव की जटिलताओं को उजागर करता है। प्रकृति और साझा अनुभव जो हम सभी को बांधते हैं। अन्य पात्र – मकान मालिक – अमन नामदेव, कारपेंटर – दीपक परधान एवं शिवांशु तिवारी थे।

नाटक के पहले हुआ जय हिन्दी गान लोकार्पित

नाटक के पहले डॉ. अर्पण जैन ’अविचल’ के लिखे गीत ”जय हिन्दी जय घोष” का लोकार्पण हुआ। इस गीत को दिवेश धाबलिया ने गाया है और इसका फ़िल्मांकन अनवरत फ़िल्म्स द्वारा किया गया। इस गीत का संगीत देव-ऋषि ने दिया। तबला और ढोलक ऋषि शर्मा ने, बाँसुरी उज्ज्वल ठाकरे और अन्य वाद्य पर विश्वास लिखर
और वीडियो मिक्स रविराज सिंह ने किया। इस गीत की पटकथा समर्थ जैन ने और निर्देशन नीतेश उपाध्याय ने किया तथा कैमरे पर नयन शर्मा ने शूट किया। गीत लोकार्पण में इंवायरो न्यूट्रिलिटी के पारुल जैन ने अभिनंदन किया।
